28 साल। पुराने अलकतरा घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। तत्कालीन पथ परिवहन मंत्री इलियास हुसैन समेत पांच लोगों को तीन-तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने सभी दोषियों पर 32-32 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।सजा पाने वालों में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन के अलावा शहाबुद्दीन बेग, पवन कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार अग्रवाल और विनय कुमार सिन्हा शामिल हैं।
जुर्माना न देने पर अतिरिक्त सजा
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि दोषी 32 लाख रुपये का जुर्माना नहीं चुकाते हैं, तो उन्हें एक-एक साल की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।यह घोटाला 1994 से 1996 के बीच हुआ था और 1997 में इसका खुलासा हुआ। सड़क निर्माण के लिए बरौनी के रास्ते हल्दिया से आरसीडी हजारीबाग तक बल्क में अलकतरा की सप्लाई की जानी थी, लेकिन आरोप था कि यह खेप वहां तक पहुंची ही नहीं। ट्रांसपोर्टर ने हल्दिया से अलकतरा उठाकर कोलकाता के खुले बाजार में बेच दिया। कुल 27.70 लाख रुपये के इस घोटाले में बाद में सीबीआई ने तत्कालीन मंत्री सहित कई अधिकारियों और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी।
सात आरोपी बरी
कोर्ट ने सबूतों के अभाव में इस मामले में सात आरोपियों को बरी कर दिया। इनमें केदार पासवान, गणपति रामनाथ, शीतल प्रसाद माथुर, तरुण कुमार गांगुली, रंजन प्रधान, शोभा सिन्हा और महेश चंद्र अग्रवाल शामिल हैं।इस फैसले के साथ 28 साल पुराने इस चर्चित घोटाले पर न्यायालय ने अपनी मुहर लगा दी।