धनबाद। भारतीय रेलवे शुक्रवार को एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रहा है, जब DDU (दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन) से गया होते हुए प्रधानखांटा (धनबाद) तक की रेलवे पटरियों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से विशेष ट्रायल ट्रेन दौड़ेगी। इस ट्रायल के साथ ही यह पूरा रूट सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों के संचालन के लिए तैयार माना जाएगा, जो भविष्य में वंदे भारत जैसी तेज़ रफ्तार और आधुनिक ट्रेनों को चलाने का रास्ता साफ करेगा।सुबह 11 बजे DDU से रवाना होने वाली यह विशेष ट्रायल ट्रेन गया होते हुए दोपहर 3 बजे तक धनबाद पहुंचेगी। फिर उसी दिन वापसी की जाएगी। इस पूरे ट्रायल को रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन का अहम हिस्सा माना जा रहा है। पटरियों की मजबूती, सिग्नल सिस्टम और ट्रैक की सीधी संरचना जैसे कई जरूरी परीक्षण इस रफ्तार पर किए जाएंगे, जिससे भविष्य में यात्रियों को तेज, सुरक्षित और सुगम रेल सफर मिल सके।रेलवे प्रशासन ने इस ट्रायल को लेकर आम लोगों से सहयोग की अपील भी की है और कुछ सख्त चेतावनियां जारी की हैं— :04 अप्रैल को कोई भी व्यक्ति रेलवे ट्रैक के आसपास न जाए।अपने मवेशियों को ट्रैक के आसपास न भटकने दें।रेलवे फाटकों पर सिग्नल नियमों का सख्ती से पालन करें।रेलवे ट्रैक को अनधिकृत रूप से पार करने की कोशिश न करें।एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म जाने के लिए केवल फुट ओवरब्रिज का ही उपयोग करें।रेलवे ने यह भी स्पष्ट कियाहैकि अगर कोई इन चेतावनियों की अनदेखी करता है और कोई हादसा होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस व्यक्ति की खुद की होगी।
क्यों खास है यह ट्रायल?भारतीय रेलवे लगातार सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों के संचालन की दिशा में काम कर रहा है। 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार इस दिशा में एक बड़ी छलांग है। इस स्पीड की अनुमति मिलने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों का संचालन इस रूट पर संभव होगा। इससे न सिर्फ यात्रा का समय घटेगा, बल्कि यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रेनें मिलेंगी जो सुरक्षित, आरामदायक और तेज होंगी।अब पूरे देश की निगाहें शुक्रवार के इस ऐतिहासिक ट्रायल पर टिकी हैं। यह न केवल रेलवे के लिए बल्कि गया, धनबाद और DDU जैसे शहरों के लिए भी गर्व का विषय है। अगर यह परीक्षण सफल होता है, तो जल्द ही इन रूटों पर सुपरफास्ट ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो सकती है।