बिहार। में बढ़ते हुए ऑटो और ई-रिक्शा हादसों को लेकर परिवहन विभाग और प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। आज, यानी 1 अप्रैल से बिहार के सभी जिलों में स्कूली बच्चों को ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूल भेजने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। यह फैसला बिहार पुलिस मुख्यालय के यातायात शाखा द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया गया है।यदि किसी स्कूल या चालक को स्कूली बच्चों को ऑटो से ले जाते हुए पकड़ा गया, तो उस पर सीधे कार्रवाई की जाएगी। इस समय पटना और आसपास के क्षेत्रों में करीब 4,000 ऑटोऔर ई-रिक्शा स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने में लगे हुए हैं, जिनमें से 1,000 पटना नगर निगम क्षेत्र में और 3,000 से अधिक ग्रामीण और प्रखंड क्षेत्रों में चल रहे हैं।
क्या कह रहे हैं पेरेंट्स?
इस फैसले के बाद पेरेंट्स का कहना है कि सरकार का यह फैसला सही है, लेकिन इससे उन्हें भारी परेशानी हो रही है। पटना के संजय कुमार ने कहा, "बच्चों को स्कूल छोड़ने में काफी परेशानी हो रही है। सुबह के वक्त काफी व्यस्तता होती है, और अब ऑफिस जाने वालों के लिए भी दिक्कतें आ रही हैं।"अभिभावक सदानंद शर्मा ने बताया कि "मैं अपने दो बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रहा हूं, लेकिन ऑटो के लिए काफी देर से इंतजार कर रहा हूं। पहले ऑटो आसानी से मिल जाते थे, लेकिन अब परेशानियां बढ़ गई हैं।"
ऑटो चालकों के लिए भी मुश्किलें
पटना जिला ऑटो चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा, "प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब 70,000 से अधिक ऑटो स्कूल सेवा से जुड़े हुए हैं। इस प्रतिबंध से ऑटो चालकों का रोजगार संकट में आ गया है।"पटना के DTO उपेंद्र पाल ने बताया कि "1 अप्रैल से स्कूली बच्चों को ऑटो से ले जाना पूरी तरह बैन है। अगर इसके बावजूद ऑटो में स्कूली बच्चे पाए गए, तो प्रशासन आवश्यक कार्रवाई करेगा। कई ऑटो क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाते थे और कुछ जर्जर हालत में होते थे, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता था।"
ई-रिक्शा और ऑटो के संचालन पर नई गाइडलाइंस
केंद्रीय विद्यालय बेली रोड के प्रिंसिपल पीके सिंह ने बताया कि "हमारे स्कूल की तरफ से कभी भी ई-रिक्शा या ऑटो का संचालन नहीं किया जाता है। यह निर्णय पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा लिया जाता है।"इसके अलावा, 1 अप्रैल से राज्य के सभी जिलों में आरसी और डीएल कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट कराने पर 2,500 रुपए का जुर्माना लगने का प्रावधान है। परिवहन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि 31 मार्च 2025 के बाद ऐसे वाहनों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा।