

बिहार: रामनवमी को लेकर पुलिस सतर्क, 62 कंपनियों की तैनाती, हर जिले में हाई अलर्ट

पटना। बिहार में रामनवमी पर्व को लेकर कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू किया गया है। वक्फ संशोधन बिल के कानून बनने के बाद राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने पूरे बिहार में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। राजधानी पटना समेत राज्य के सभी जिलों में 50 कंपनी बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बी-सैप) और 12 कंपनी केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की तैनाती की गई है। इसके अलावा करीब 7000 पुलिस प्रशिक्षु और होमगार्ड जवानों की भी ड्यूटी लगाई गई है।
ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी, शरारती तत्वों पर सख्त नजर
रामनवमी के अवसर पर जुलूस की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है। पटना सहित कई जिलों में शोभायात्रा के रूट पर अस्थायी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन से भीड़ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। शरारती तत्वों और अफवाह फैलाने वालों की पहचान कर उन पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पटना में 300 मजिस्ट्रेट की तैनाती, 24 घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय
राजधानी पटना में भीड़ नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तीन किलोमीटर लंबे रूट पर करीब 300 मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। साथ ही राज्य स्तरीय पुलिस कंट्रोल रूम और सोशल मीडिया निगरानी इकाई भी 24 घंटे सक्रिय रखी गई है, ताकि किसी भी भड़काऊ संदेश, अफवाह या वीडियो को तुरंत ट्रेस किया जा सके और कार्रवाई की जा सके।
रामनवमी जुलूस में तेज डीजे और भड़काऊ गानों पर रोक
पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि रामनवमी जुलूस के दौरान तेज आवाज में डीजे बजाना और भड़काऊ गाने चलाना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी तरह से धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बीते सालों के अनुभव को देखते हुए सभी जिलों को पुलिस एस्कॉर्ट के साथ जुलूस निकालने का आदेश दिया गया है।
जुलूस के रूट पर विशेष निगरानी, पिछले अनुभवों से सबक
रामनवमी के दौरान पिछले कुछ वर्षों में राज्य के कई जिलों में तनावपूर्ण स्थितियां बन चुकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार पुलिस और प्रशासन ने हर जिले को विशेष अलर्ट पर रखा है। हर थाना क्षेत्र में स्थानीय खुफिया तंत्र को भी एक्टिव किया गया है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है।
नीतीश सरकार की सतर्कता, वक्फ बिल समर्थन के बाद बढ़ा दबाव
वक्फ संशोधन बिल पर जदयू और एलजेपी का समर्थन मिलने के बाद बिहार में राजनीतिक और सामाजिक तनाव की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में सरकार ने किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था को हाथ से बाहर नहीं जाने देने की रणनीति अपनाई है। पुलिस को निर्देश है कि वह किसी भी तरह की अफवाह, झड़प या विवाद की स्थिति को तुरंत नियंत्रित करें और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें।
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BIHAR - JHARKHAND
मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है।
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