

गया: श्राद्ध से लौटते वक्त भीषण सड़क हादसा, एक ही परिवार के चार लोगों की दर्दनाक मौत, गांव में पसरा मातम

सोमवार। देर रात गया जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र में सामने आया, जब एक स्कॉर्पियो तालाब में गिर गई और उसमें सवार एक ही परिवार के चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी और उनके दो बेटे शामिल हैं। घटना खिजरसराय के दखिनगांव के पास एक पुल के पास की है, जहां वाहन अनियंत्रित होकर सीधे तालाब में समा गया। परिवार बिहारशरीफ से श्राद्ध कर्म करके लौट रहा था।मृतकों की पहचान सहवाजपुर गांव के रहने वाले शशिकांत शर्मा (उम्र 43 वर्ष), उनकी पत्नी रिंकी देवी (40 वर्ष), बड़ा बेटा सुमित आनंद (17 वर्ष) और छोटा बेटा बालकृष्ण (5 वर्ष) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि शशिकांत पेशे से किसान थे और गांव के संपन्न परिवारों में गिने जाते थे।हादसे में स्कॉर्पियो का चालक सिंटू किसी तरह बाहर निकलकर जान बचाने में सफल रहा। उसने आसपास के लोगों को आवाज लगाकर मदद मांगी और पुलिस को सूचना दी। सिंटू घायल है और फिलहाल मगध मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है।
गाड़ी पानी में समाई, पीछे की सीट पर फंसे रहे चारों लोग
घटना रात करीब 12 बजे की है। दखिनगांव के होटल संचालक कलेंद्र कुमार ने बताया कि जब वह होटल बंद कर घर लौट रहे थे, तब उन्होंने तालाब की ओर से 'बचाओ-बचाओ' की आवाज सुनी। पास जाकर देखा तो स्कॉर्पियो पानी में डूबी थी और चालक ऊपर चढ़कर मदद मांग रहा था। उन्होंने गांव में शोर मचाकर लोगों को बुलाया और वजीरगंज थाना को सूचना दी गई।पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी से गाड़ी को तालाब से बाहर निकलवाया, लेकिन तब तक गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे शशिकांत, उनकी पत्नी और दोनों बेटे दम घुटने से दम तोड़ चुके थे। शवों को बाहर निकालने में ग्रामीणों ने भी पुलिस की मदद की।
गांव में पसरा मातम, मां की तबीयत बिगड़ी
हादसे की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे सहवाजपुर गांव में मातम पसर गया। शशिकांत के घर पर लोगों की भारी भीड़ जुट गई। बताया जा रहा है कि शशिकांत की मां की तबीयत पहले से ही खराब थी, लेकिन इस दुर्घटना की सूचना मिलते ही उनकी हालत और बिगड़ गई। पिता राम विनय शर्मा भी इस सदमे से कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं।शशिकांत का बड़ा बेटा सुमित आनंद राजनीति में रुचि रखता था और भाजपा से जुड़ा था। बीते साल डिप्टी सीएम विजय सिन्हा उनके घर आए थे। ऐसे परिवार की असमय मौत ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया है।जब पुलिस शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने लगी, तो ग्रामीणों ने वजीरगंज थाना क्षेत्र में एम्बुलेंस को रोक लिया। लोगों ने भावुक होते हुए कहा, "जब परिवार में अब कोई बचा ही नहीं, तो पोस्टमॉर्टम किसके लिए?" इसके बाद पोस्टमॉर्टम नहीं कराने की मांग को लेकर पुलिस से चर्चा की गई। फिलहाल इस संबंध में आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।पुलिस ने स्कॉर्पियो चला रहे सिंटू से पूछताछ की है। उसने बताया कि गाड़ी अचानक अनियंत्रित हो गई और पुलिया के पास से फिसलते हुए तालाब में गिर गई। हालांकि हादसे कीअसली वजह क्या थी, इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो पाएगी।
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BIHAR - JHARKHAND
मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है।
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