पटना। रणनीति के साथ कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की अगुवाई में निकाली जा रही 'पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा' अब पटना शहर में प्रवेश कर चुकी है। मंगलवार को यह यात्रा बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से गुजरते हुए राजधानी की ओर बढ़ी, हालांकि इस दौरान खुद कन्हैया कुमार मौजूद नहीं थे। यात्रा का अंतिम चरण अब पटना में तय किया गया है, जहां इसका समापन एक विशाल प्रदर्शन के साथ होगा।यात्रा में शामिल सभी कार्यकर्ता पटना पहुंच चुके हैं और मंगलवार की रात को सदाकत आश्रम में एक महत्त्वपूर्ण बैठक भी हुई। इसी आश्रम को फिलहाल यात्रा का बेस कैंप बनाया गया है, जहां सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने डेरा जमा लिया है।
यात्रा का कार्यक्रम – 10 अप्रैल
10 अप्रैल को सुबह 8:30 बजे झंडोत्तोलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इसके बाद ठीक 10 बजे पटना सिटी के प्रसिद्ध गुरुद्वारा से यात्रा आरंभ की जाएगी। यह यात्रा झाऊगंज, हाजीगंज, मारूफगंज, मालसलामी, गौरीदास रोड मंडी, सिमली होते हुए गुरु का बाग पहुंचेगी। यहां कुछ देर के लिए यात्रा विश्राम करेगी और कमेटी हॉल में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया जाएगा।इसके बाद शाम 4:30 बजे पत्थर की मस्जिद के समीप स्थित पेट्रोल पंप से यात्रा दोबारा शुरू की जाएगी। शाम 5 बजे दरगाह रोड चौराहा पर नुक्कड़ सभा का आयोजन होगा और 5:30 बजे मुसल्लहपुर हाट में चाय विश्राम के लिए रुका जाएगा। इसके उपरांत यात्रा भीखना पहाड़ी, रमना रोड होते हुए पटना यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार तक पहुंचेगी, जहां पहला दिन समाप्त होगा।
11 अप्रैल – सीएम आवास का घेराव और यात्रा का समापन
11 अप्रैल को यात्रा का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण चरण होगा। इस दिन कांग्रेस के नेतृत्व में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस घेराव में पांच हजार से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे और बेरोजगारी व पलायन के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। इसी घेराव के साथ कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा का पटना में समापन होगा।सूत्रों के अनुसार, इस यात्रा और घेराव को सफल बनाने के लिए राजस्थान के युवा कांग्रेस नेता और विधायक सचिन पायलट भी पटना आ सकते हैं। पार्टी के भीतर इसे बीते पांच वर्षों में राजधानी में सबसे बड़ा जनप्रदर्शन माना जा रहा है।कांग्रेस के रणनीतिकारों ने यह भी बताया है कि 10 अप्रैल की रात को सदाकत आश्रम में 3 से 4 हजार कार्यकर्ताओं को ठहराया जाएगा। इस पूरी यात्रा और घेराव को लेकर कांग्रेस का मकसद है कि बेरोजगारी, युवा पलायन और सरकार की उदासीन नीतियों को जनता के सामने लाया जाए।
‘पलायन रोको, नौकरी दो’ – युवाओं की आवाज़
कन्हैया कुमार की यह यात्रा खासतौर पर बिहार के उन युवाओं को लेकर केंद्रित है जो नौकरी की तलाश में पलायन करने को मजबूर हैं। कन्हैया ने शुरुआत से ही इसे जन आंदोलन का रूप देने की कोशिश की है और अब पटना में इसका अंतिम प्रदर्शन होने जा रहा है।यात्रा की समाप्ति के साथ यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका क्या राजनीतिक असर होता है और क्या यह वाकई युवा वर्ग को सरकार के खिलाफ लामबंद करने में सफल हो पाएगी।