बेगूसराय। जिले के बाघा में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां खुद को बिहार बोर्ड का स्टाफ बताकर एक शख्स ने मैट्रिक परीक्षा देने वाले छात्रों के अभिभावकों को फोन कर पैसे ऐंठने की कोशिश की। ठग ने दावा किया कि छात्र के कुछ विषयों में नंबर कम आए हैं और 4000 रुपए देने पर उसके अंक बढ़ा दिए जाएंगे, जिससे उसे सरकार की ओर से 15,000 की स्कॉलरशिप भी मिल जाएगी।बाघा निवासी सुनील रजक के बेटे प्रिंस कुमार, जो बीएसएस कॉलेजिएट स्कूल का छात्र है, को इस ठगी का निशाना बनाया गया। प्रिंस ने उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बखरी सेंटर पर परीक्षा दी थी। उसके रजिस्ट्रेशन में दिए मोबाइल नंबर पर खुद को बिहार बोर्ड का अधिकारी बताने वाले शंभू कुमार सिंह का कॉल आया।ठग ने दावा किया कि प्रिंस के सोशल साइंस, साइंस और हिंदी में अंक ठीक हैं, लेकिन गणित और संस्कृत में क्रॉस लग गया है। अगर अभिभावक 4000 रुपए देते हैं तो बोर्ड द्वारा तैयार किए गए मार्कशीट को हटाकर नया मार्कशीट तैयार कर भेज दिया जाएगा।
तेजी से पैसा भेजने का बना रहे थे दबाव
फोन पर ठग ने बताया कि पहले 2500 रुपए भेजने होंगे, फिर 15 मिनट में नया मार्कशीट व्हाट्सएप पर भेज दिया जाएगा। इसके बाद 1500 रुपए और देने होंगे। ठग ने व्हाट्सएप नंबर 9730968331 से ऑनलाइन पेमेंट के लिए स्कैनर भी भेजा।अभिभावकों को संदेह होने पर उन्होंने मीडिया से संपर्क किया। इसके बाद दैनिक भास्कर की मौजूदगी में उसी नंबर पर दोबारा कॉल किया गया, जहां ठग ने जल्दी पैसे भेजने का दबाव डाला।यह मामला सिर्फ प्रिंस तक सीमित नहीं है। जानकारी के अनुसार, कई अभिभावकों को इसी तरह के कॉल आ चुके हैं, जहां उनसे पैसे मांगे गए हैं। यह साफ दर्शाता है कि बिहार बोर्ड के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है, जिसमें छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन को जानकारी दी गई है। पुलिस ने कहा कि ऐसे किसी भी फोन कॉल पर विश्वास न करें और तुरंत इसकी शिकायत करें। अभिभावकों को जागरूक रहकर इस तरह के ठगों से सावधान रहने की जरूरत है।बिहार बोर्ड के नाम पर चल रहे इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होते ही कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर ठगों के पास छात्रों का पूरा डाटा कैसे पहुंच रहा है? क्या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है? पुलिस को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए ताकि इस तरह की ठगी पर रोक लगाई जा सके।