औरंगाबाद।रविवार देर रात पुलिस की छापेमारी ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ बजे पुलिस ने 15 घरों में धावा बोला, दरवाजे और खिड़कियां तोड़ दीं, घरवालों से मारपीट की और यहां तक कि महिलाओं व बच्चों तक को नहीं बख्शा। पीड़ितों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने गंदी-गंदी गालियां दीं और बेवजह हिंसा की। इस छापेमारी में महिला और पुरुष दोनों पुलिसकर्मी शामिल थे।
4 घरों के 7 लोग घायल, एक का हाथ फ्रैक्चर
पुलिस की इस कार्रवाई में चार घरों के सात लोग घायल हुए हैं। इनमें से एक व्यक्ति का हाथ फ्रैक्चर हो गया। सोमवार को इलाज के दौरान 12वीं में पढ़ने वाली छात्रा ने अपने हाथ पर चोट के निशान दिखाए और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए।रविवार दोपहर गोह प्रखंड के सिंघाडी गांव में रामनिवास पासवान के घर के पास मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत नाला निर्माण किया जा रहा था। रामनिवास पासवान ने इसका विरोधकिया, जबकि मोहल्ले के ऋषिराज और उनके समर्थकों ने इसका समर्थन किया। इसी को लेकर दोनों पक्षों में तीखी झड़प हो गई, जो लाठी-डंडों और पत्थरबाजी तक पहुंच गई।मामला बढ़ता देख डायल-112 की पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान सब-इंस्पेक्टर दिनेश कुमार मंडल, महिला सिपाही पिंकी कुमारी और पुलिस वाहन चालक घायल हो गए। इसके बाद घायल एसआई दिनेश ने शाम को एफआईआर दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने रात में कार्रवाई की।
पुलिस का पक्ष: "हम पर हमला हुआ, इसलिए कार्रवाई की"
थानाध्यक्ष सुदिश कुमार के अनुसार, पुलिस टीम नाला निर्माण को लेकर हुए विवाद को शांत कराने गई थी, लेकिन वहां मौजूद एक पक्ष के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस हमले में एसआई, महिला सिपाही और चालक घायल हुए। तीनों का इलाज गोह सीएचसी में हुआ। इस मामले में 11 लोगों को नामजद और 15 अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है।रात में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई, लेकिन सभी आरोपी घर छोड़कर फरार हो गए। थानाध्यक्ष का कहना है कि महिलाओं द्वारा लगाए गए मारपीट के आरोप झूठे हैं और पुलिस ने किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया।
पीड़ितों का बयान: "पुलिस ने घर में घुसकर मारा"
पीड़ितों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।रंजना देवी: "रात करीब 2 बजे पुलिस हमारे घर में घुसी और मारपीट की। गंदी-गंदी गालियां दीं। खिड़की में बांस डालकर हमला किया। पुलिस वालों ने कहा कि चोरी करके घर बनाया है। जब मैंने पुरुष पुलिसकर्मियों को पहचानने की बात कही तो वे भाग निकले।"अदिति कुमारी: "मैं बीए पार्ट वन में एडमिशन लेने वाली हूं। मैंने जैसे ही दरवाजा खोला, महिला पुलिसकर्मी ने पीटना शुरू कर दिया। मेरी मां को गाली दी गई और मेरी उंगली, पैर और कमर पर चोटें आईं। यहां तक कि मेरा लॉकेट भी छीन लिया गया।"रितिक रौशन: "मैं आठवीं क्लास में पढ़ता हूं। रात को डेढ़ बजे पुलिस आई और मारपीट की। मेरी मां को भी मारा गया। पुलिस हमें गालियां दे रही थी।"कृष्णनंदन कुमार: "मैं छठी क्लास में पढ़ता हूं। पुलिस हमारे इलाके में घुसकर उन लोगों के नाम पूछ रही थी, जिन्होंने पहले की लड़ाई में मारपीट की थीपुलिस ने इस पूरे मामले में 11 लोगों को नामजद किया है और 15 अन्य को अज्ञात अभियुक्त के रूप में दर्ज किया है। फिलहाल, आरोपी फरार हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं, पीड़ित परिवार पुलिस पर अन्याय और अत्याचार का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग कर रहे हैं