पटना। के फुलवारी शरीफ स्थित इमारत-ए-शरिया मुख्यालय में शनिवार को नेतृत्व को लेकर जमकर बवाल हुआ। अमीर-ए-शरियत और नाजिम के पद पर कब्जे को लेकर दो गुटों के बीच तीखी झड़प हुई, जिसमें धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई। मामला बढ़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और मौके पर भारी संख्या में बल तैनात किया गयापूर्व सचिव शिबली अलकासमी और पूर्व अमीर-ए-शरियत के दावेदार अनीसुर रहमान कासमी ने वर्तमान अध्यक्ष वली फैसल रहमानी की नियुक्ति को अवैध बताते हुए विरोध जताया। उनका कहना है कि वली फैसल रहमानी के पास विदेशी नागरिकता है, जिसके कारण उन्हें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से भी हटा दिया गया था। इस गुट का दावा है कि बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने बहुमत से वली फैसल रहमानी को पद से हटा दिया और अनीसुर रहमान कासमी को अमीर तथा शिबली अलकासमी को नाजिम बना दिया गया है।दूसरी ओर, मौजूदा अमीर-ए-शरियत वली फैसल रहमानी के समर्थकों का कहना है कि यह विवाद जानबूझकर खड़ा किया जा रहा है। उनके गुट ने आरोप लगाया कि जदयू के नेता इमारत पर कब्जा करना चाहते हैं क्योंकि यह संस्था वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रही है।
पुलिस ने संभाली स्थिति
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ सदर गौरव कुमार और फुलवारी शरीफ एसडीपीओ सुनील कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों गुटों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। विवाद बढ़ने के कारण मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।इस घटना को लेकर उलमा-ए-किराम और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इसे असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह मुस्लिम लीग को कमजोर करने की साजिश है और आगामी चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा। संगठनों का कहना है कि इमारत-ए-शरिया किसी के दबाव में नहीं आएगी और अपने अधिकारों की लड़ाई जारी रखेगी।स्थिति फिलहाल तनावपूर्ण बनी हुई है और पुलिस सतर्कता बरते हुए नजर बनाए हुए है।