बिहार में मौसम का मिजाज फिर बिगड़ा: वज्रपात और तेज़ हवाओं से सतर्क रहें लोग, 61 की मौत के बाद अलर्ट तेज

बिहार में मौसम का मिजाज फिर बिगड़ा: वज्रपात और तेज़ हवाओं से सतर्क रहें लोग, 61 की मौत के बाद अलर्ट तेज

पटना। बिहार में मौसम फिर करवट ले रहा है और इस बार इसकी चपेट में लगभग पूरा प्रदेश आने वाला है। भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के 22 ज़िलों में यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट भी लागू कर दिया गया है। राज्य में गरज के साथ हल्की से भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है, जिससे जन-धन की क्षति की संभावना जताई जा रही है। बीते 48 घंटे में जमुई ज़िले में सबसे अधिक 48.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।पिछले कुछ दिनों से मौसम में लगातार हो रहे बदलाव का असर तापमान पर भी देखने को मिला है। अधिकतम तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 22-24 डिग्री के बीच बना हुआ है। हालांकि तापमान में यह गिरावट एक तरफ़ राहत देती है, लेकिन तेज़ हवाओं और वज्रपात ने चिंता बढ़ा दी है। अनुमान है कि 19 अप्रैल तक राज्य में यही हालात बने रहेंगे।

पूर्वी बिहार बना संवेदनशील ज़ोन

इस बार पूर्वी बिहार विशेष रूप से संवेदनशील है। बंगाल की खाड़ी से उठ रही पुरवा हवाएं प्रदेश में नमी ला रही हैं, जिससे खासकर पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा और भागलपुर जैसे ज़िलों में भारी वर्षा और तेज़ हवाएं चलने की चेतावनी है। कुछ स्थानों पर हवा की रफ्तार 50 से 60 किमी प्रति घंटा तक पहुँच सकती है।17 अप्रैल को बिहार के सभी 38 ज़िलों में चेतावनी जारी की गई है। इसमें 22 ज़िलों के लिए यलो और बाकी 16 के लिए ऑरेंज अलर्ट है18 अप्रैल को मध्य और उत्तर बिहार के अधिकांश ज़िलों के लिए यलो अलर्ट और उत्तर-पूर्व तथा पूर्व बिहार के लिए ऑरेंज अलर्ट लागू रहेगा।19 अप्रैल को कुल 17 ज़िलों को यलो अलर्ट की सूची में रखा गया है।

वज्रपात बन चुका है बिहार की आपदा

बिहार में वज्रपात अब सामान्य मौसमी घटना नहीं रही, बल्कि यह एक जानलेवा आपदा के रूप में उभर चुकी है। राज्य आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के मुताबिक, एक वर्ष में बिजली और तूफानों से 400 मौतें दर्ज की गईं। वहीं, इस वर्ष केवल एक सप्ताह में ही 61 लोगों की मौत हो चुकी है।
CROPC (Climate Resilient Observing Systems Promotion Council) की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में 2020-21 में 9 लाख से अधिक वज्रपात की घटनाएं दर्ज हुईं, जो 2022-23 में 13 लाख के पार पहुंच गईं। 2024 में भी आंकड़े चिंताजनक हैं।किसान मौसम साफ होने तक कृषि कार्य स्थगित करें।मोबाइल या धातु की वस्तुओं का उपयोग खुले में खड़े होकर न करें।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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