औरंगाबाद में 20 से अधिक नक्सली मामलों में शामिल हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार
औरंगाबाद। जिले के बंदेया थाना क्षेत्र से एक कुख्यात हार्डकोर नक्सली विकास यादव उर्फ जनार्दन यादव उर्फ रामचंद्र यादव उर्फ सिद्धनाथ यादव को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया है। यह नक्सली पिछले 15 वर्षों से फरार था और 20 से अधिक नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है।
गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए दाउदनगर के एसडीपीओ कुमार ऋषि राज ने बुधवार को प्रेस वार्ता में बताया कि यह नक्सली नारायणपुर गांव का निवासी है और इसके विरुद्ध जिले के विभिन्न थानों में कई संगीन मामले दर्ज हैं।
बंदेया थाना अध्यक्ष सूरज कुमार को सूचना मिली थी कि विकास यादव अपने घर लौटा है। सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें थाना अध्यक्ष सूरज कुमार, अपार थाना अध्यक्ष कृष्णा राय, पीएसआई मोहित कुमार सुमित और सशस्त्र बल के जवान शामिल थे। टीम ने छापेमारी कर उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।
एसडीपीओ के अनुसार, गिरफ्तार नक्सली के विरुद्ध गोह थाना में आर्म्स एक्ट और सीएलए एक्ट के तहत 6 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा मदनपुर में 2, रफीगंज, उपहरा और बंदेया थाना में भी एक-एक मामला दर्ज है। कुल मिलाकर उस पर 22 नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।
पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह वर्ष 2000 से 2014 तक सक्रिय था और औरंगाबाद-गया सीमावर्ती क्षेत्र में संगठन के लिए लेवी वसूली, नए लोगों की भर्ती और नक्सली हमलों की योजना बनाने जैसे कार्यों में मुख्य भूमिका निभाता था। गोह थाना क्षेत्र में उसकी विशेष सक्रियता थी और उसका नाम दहशत का पर्याय बन चुका था।
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