औरंगाबाद: सामूहिक विवाह के जरिए वरुण कुमार सिंह बदल रहे समाज की तस्वीर

औरंगाबाद: सामूहिक विवाह के जरिए वरुण कुमार सिंह बदल रहे समाज की तस्वीर

औरंगाबाद। नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुटुंबा के संडा गांव में पिछले 8 सालों से वासुकीनाथ सेवा समिति के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन हो रहा है। यह प्रेरणादायक पहल RPF कॉन्स्टेबल वरुण कुमार सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा 2016 से शुरू की गई थी। इस आयोजन में हर साल दलित, गरीब और पिछड़े परिवारों की 21 बेटियों की शादी बड़े ही धूमधाम से कराई जाती है।

गरीब बेटियों के सपनों को मिला नया आयाम

RPF कॉन्स्टेबल वरुण कुमार सिंह ने बताया कि नौकरी के दौरान वे कई ऐसे परिवारों से मिले, जिनके पास अपनी बेटियों की शादी या पढ़ाई का खर्च उठाने की क्षमता नहीं थी। बेटियों को समाज में बराबरी का स्थान मिले और शादी उनकी जिंदगी का एक उत्सव बने, इस सोच से उन्होंने सामूहिक विवाह की शुरुआत की।

8 साल में 150 से अधिक शादियां

2016 में इस पहल की शुरुआत में केवल 8 जोड़ों की शादी कराई गई थी। इसके बाद से इस आयोजन ने रफ्तार पकड़ी और अब हर साल 21 जोड़ियों की शादी कराई जाती है। अब तक 150 से अधिक बेटियों की शादी सामूहिक विवाह के माध्यम से कराई जा चुकी है।

कन्यादान का सम्मानजनक मंच

वरुण कुमार सिंह ने बताया कि इस विवाह आयोजन में वे बेटियां भी शामिल होती हैं, जिनके माता-पिता नहीं होते। समिति के सदस्य उन्हें अपनी बेटी मानकर उनका कन्यादान करते हैं। यह आयोजन कुटुंबा प्रखंड के चपरा स्थित पंचदेव धाम परिसर में किया जाता है।

आगामी आयोजन: 18 जनवरी को 8वां सामूहिक विवाह

इस साल 18 जनवरी को 8वां सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा। इसमें 21 जोड़ियों की शादी कराई जाएगी। बिहार और झारखंड से लोग इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। वरुण सिंह और उनकी समिति का यह प्रयास समाज में बेटियों के प्रति सम्मान और समानता का संदेश देता है।

समाज में प्रेरणा का स्रोत

वरुण कुमार सिंह की इस पहल ने यह साबित कर दिया है कि सकारात्मक सोच और ठोस प्रयास से समाज में बदलाव लाया जा सकता है। उनका यह कदम गरीब और पिछड़े परिवारों के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आया है।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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