पटना के बेउर जेल में आधी रात को छापेमारी, कैदियों में मचा हड़कंप
पटना। पटना के अति संवेदनशील आदर्श केंद्रीय कारा बेउर में गुरुवार रात प्रशासन ने सघन छापेमारी अभियान चलाया। इस छापेमारी के दौरान जेल में रात्रि विश्राम कर रहे कैदियों के बीच हड़कंप मच गया। भारी संख्या में पुलिसकर्मियों ने जेल के सभी वार्डों की गहन तलाशी ली। यह कार्रवाई दो घंटे से अधिक समय तक चली, लेकिन इसमें कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला।
जेल सुपरिंटेंडेंट के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी का असर
सीटी एसपी पश्चिम सरत आर एस ने बताया कि यह एक नियमित छापेमारी थी। हालांकि, इसे जेल सुपरिंटेंडेंट डॉ. विधु कुमार के ठिकानों पर हाल में हुई आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की छापेमारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। 4 जनवरी को EOU ने उनके सरकारी आवास और कार्यालय पर छापा मारा था, जहां से लाखों रुपए के लेनदेन के दस्तावेज, जेवरात और जमीन के कागजात बरामद किए गए थे। डॉ. विधु कुमार पर आरोप है कि वे कैदियों से पैसे वसूलते और धमकाते थे। हालांकि, अभी तक उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जेल प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि EOU द्वारा जब्त सामानों की सूची गृह विभाग को भेजी जाती है, और विभाग की जांच के बाद ही कार्रवाई होती है। फिलहाल, सुपरिंटेंडेंट अपने पद पर बने हुए हैं।
क्षमता से अधिक कैदियों का दबाव
बेउर जेल में कैदियों को रखने की निर्धारित क्षमता 2360 है, लेकिन वर्तमान में यहां लगभग 4000 बंदी बंद हैं। इसमें माओवादी, सजायाफ्ता, आतंकी गतिविधियों में शामिल और PFI के आरोपी भी शामिल हैं। 52 बीघा जमीन में बने इस जेल में प्रशासनिक भवन, प्लेग्राउंड, जिम, लाइब्रेरी, संगीतालय, निरक्षर बंदियों के लिए विद्यालय, और महिला वार्ड जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
छापेमारी के बाद स्थिति सामान्य
इस सघन तलाशी अभियान में किसी भी प्रकार का आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। प्रशासन ने बताया कि यह छापेमारी जेल की सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए की गई थी। फिलहाल, जेल में स्थिति सामान्य बनी हुई है।
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