अंचलाधिकारी और प्रमुख के बीच कुर्सी विवाद से मचा हंगामा, बीडीओ ने कराया मामला शांत

 अंचलाधिकारी और प्रमुख के बीच कुर्सी विवाद से मचा हंगामा, बीडीओ ने कराया मामला शांत

गया। गया जिले के गुरारू अंचल कार्यालय में गुरुवार को उस समय हंगामा हो गया जब अंचलाधिकारी नुपूर और प्रखंड प्रमुख उर्मिला देवी के बीच कुर्सी को लेकर विवाद हो गया। घटना उस समय की है जब उर्मिला देवी, अंचलाधिकारी के चैंबर में आईं और राजस्व अधिकारी (आरओ) प्रीति सिन्हा की खाली कुर्सी पर बैठ गईं। इस पर अंचलाधिकारी ने उन्हें उठने के लिए कहा, जिससे विवाद बढ़ गया। प्रमुख उर्मिला देवी का कहना है कि उन्होंने अंचलाधिकारी से अनुमति लेकर उनसे बातचीत करने के लिए चैंबर में प्रवेश किया था। जब उन्होंने आरओ की खाली कुर्सी पर बैठना शुरू किया, तो अंचलाधिकारी ने उन्हें तुरंत उठने के लिए कहा। उर्मिला देवी ने बताया, "मैं भी प्रमुख हूं और महिला हूं, खाली कुर्सी पर बैठ गई तो इसमें क्या गलत है?" वहीं, अंचलाधिकारी नुपूर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रमुख ने बिना अनुमति के आरओ की कुर्सी पर बैठने की कोशिश की, जो प्रशासनिक अनुशासन के विरुद्ध है। उन्होंने प्रमुख को दूसरी कुर्सी पर बैठने का इशारा किया, लेकिन इस पर उर्मिला देवी ने नाराजगी जताई। इसके बाद उनके समर्थन में कुछ पंचायत प्रतिनिधि आ गए और जबरन उन्हें उसी कुर्सी पर बैठाने की कोशिश करने लगे।

बीडीओ ने कराया मामला शांत

घटना के बाद मौके पर मौजूद बीडीओ संभव कुमार सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए मामला शांत कराया। उपस्थित लोगों के सहयोग से विवाद को हल किया गया और दोनों पक्षों को शांत कराया गया।

टकराव के कारण

इस तरह के विवाद का एक प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि जहां अधिकारियों को कोड ऑफ डिसिप्लिन के बारे में गहराई से प्रशिक्षित किया जाता है, वहीं पंचायत प्रतिनिधियों को इस संबंध में आवश्यक जानकारी और प्रशिक्षण नहीं मिलता। इससे प्रशासनिक अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच गलतफहमी और टकराव की स्थिति बन जाती है।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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