बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग पर आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर की हालत गंभीर, ICU में भर्ती
पटना। जन सुराज के संस्थापक और राजनैतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग पर चल रहे आमरण अनशन के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। मंगलवार (7 जनवरी) की शाम उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार उनकी स्थिति चिंताजनक है और उन्हें IV के माध्यम से पोषण दिया जा रहा है।
डॉक्टरों ने जताई चिंता
मेदांता अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर रवि शंकर ने बताया कि प्रशांत किशोर की स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। उन्होंने कहा, "हम उन्हें खाना खाने के लिए समझा रहे हैं, लेकिन वह अपने निर्णय पर अडिग हैं। शरीर में कीटोन बॉडीज बनने लगी हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है। अगर अनशन जारी रहता है, तो स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। डॉक्टरों ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रशांत किशोर को फिलहाल अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा। उनकी देखभाल ICU में जारी रहेगी।
प्रशांत किशोर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
इस बीच, पटना में प्रशांत किशोर के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। उन पर कोर्ट परिसर में हंगामा करने, पुलिस से धक्का-मुक्की करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप है। पीरबहोर थाना प्रभारी अब्दुल हलीम के बयान पर यह प्राथमिकी दर्ज हुई है। इस घटना में पुलिस के एक जवान का हाथ भी टूट गया था। प्रशांत किशोर के अलावा 200 अज्ञात लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
बीपीएससी परीक्षा को लेकर विवाद
प्रशांत किशोर बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि परीक्षा रद्द की जाए और एक पारदर्शी प्रक्रिया लागू की जाए। हालांकि, राज्य सरकार और प्रशासन ने अभी तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
आंदोलन और राजनीतिक प्रभाव
प्रशांत किशोर के इस अनशन ने राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। उनके समर्थक लगातार उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, जबकि विरोधी उनके आंदोलन को राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं।
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