प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षक दिवस के अवसर पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को किया नमन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षक दिवस के अवसर पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को किया नमन

नई दिल्ली। शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने एक्स (पहले ट्विटर) के जरिए शुभकामना संदेश साझा करते हुए शिक्षकों के योगदान की सराहना की और देशवासियों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में लिखा, "शिक्षक दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। यह दिन उन सभी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है जो हमारे युवा मस्तिष्कों को आकार देते हैं। डॉ. राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर सादर श्रद्धांजलि। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी डॉ. राधाकृष्णन को नमन करते हुए एक्स पर लिखा, "देश के युवाओं का मार्गदर्शन करने वाले सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 'भारत रत्न' डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि। शिक्षक केवल किताबों का ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जीवन को सही दिशा दिखाते हैं। प्रधान ने आगे कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू आज शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के शिक्षकों को 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024' से सम्मानित करेंगी। यह पुरस्कार शिक्षकों के समर्पण और उनके अमूल्य योगदान का प्रतीक है।

डॉ. राधाकृष्णन का जीवन और शिक्षक दिवस की शुरुआत

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को मद्रास प्रेसीडेंसी (अब तमिलनाडु) के चित्तूर जिले के तिरुतनी गाँव में हुआ था। वह एक महान शिक्षाविद, दार्शनिक और लेखक थे, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया। 1962 में देश के दूसरे राष्ट्रपति बनने के बाद, डॉ. राधाकृष्णन के छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई। लेकिन डॉ. राधाकृष्णन ने उनसे कहा कि उनका जन्मदिन मनाने की बजाय, इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए, ताकि समाज में शिक्षकों का योगदान सराहा जा सके। तभी से हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पर देशभर में शिक्षकों का सम्मान करते हुए उन्हें राष्ट्रनिर्माण का सशक्त आधार माना जाता है। इस दिन शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है, जिन्होंने अपने ज्ञान से समाज को प्रगति की ओर अग्रसर किया है।

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साकेत कुमार, BJMC 

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