पटना के 162 प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी, ब्लैकलिस्टेड होने का खतरा

पटना के 162 प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी, ब्लैकलिस्टेड होने का खतरा

पटना। जिला शिक्षा विभाग ने 162 निजी स्कूलों को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी कर ली है। इन स्कूलों ने सरकार के ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर छात्रों के आंकड़े समय पर जमा नहीं किए हैं, जिसके कारण अब इन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) संजय कुमार ने स्पष्ट किया है कि अगर ये स्कूल आदेश का पालन नहीं करते, तो उनका पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा और उन्हें ब्लैकलिस्ट में डाल दिया जाएगा। इसके बाद ये स्कूल नए छात्रों का नामांकन नहीं कर सकेंगे।

आदेशों की अनदेखी पर कड़ा रुख

इन 162 स्कूलों ने बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी पोर्टल पर छात्रों के आंकड़े अपलोड नहीं किए। शिक्षा विभाग के अनुसार, ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर छात्रों का आधार कार्ड और यू-डायस नंबर प्रस्तुत करना अनिवार्य है। जिन स्कूलों ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, उनके खिलाफ आर्थिक दंड लगाने के साथ-साथ उनका पंजीयन रद्द करने की योजना बनाई जा रही है।

निरीक्षण में सुरक्षा और नियमों की जांच

जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी पंजीकृत स्कूलों का निरीक्षण करने की योजना भी बनाई है। इस निरीक्षण में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूल सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं, स्कूल बसों की संख्या, और वहां कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के आधार कार्ड मौजूद हैं या नहीं। अगर किसी स्कूल में नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।

1100 से अधिक स्कूलों में से 85% ने दी जानकारी

पटना जिले में 1100 से अधिक निजी स्कूल पंजीकृत हैं, जिनमें से 85% स्कूलों ने पोर्टल पर छात्रों की जानकारी प्रस्तुत कर दी है। केवल 162 स्कूल ऐसे हैं जो अभी तक इस प्रक्रिया को पूरा करने में असफल रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को नोटिस भेजा है, और अगर जल्द ही इनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई की संभावना

अगर ये 162 स्कूल पोर्टल पर जरूरी जानकारी जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा, जिससे वे नए शैक्षणिक सत्र में बच्चों का नामांकन नहीं ले सकेंगे। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। पटना के निजी स्कूलों के लिए यह एक कड़ा संदेश है कि सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है, अन्यथा उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।

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 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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