पटना: डॉक्टर और उनके बेटे पर हमलावरों का कहर, क्लिनिक में तोड़फोड़ और हत्या की धमकी
पटना। पश्चिमी बोरिंग कैनाल रोड पर एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई, जहां 50 से अधिक हथियारबंद उपद्रवियों ने एक डॉक्टर और उनके परिवार पर हमला कर दिया। घटना डॉ. जगतानंद प्रसाद के क्लिनिक और घर पर हुई। लाठी-डंडे, बंदूक और पिस्टल से लैस हमलावरों ने 80 वर्षीय डॉ. जगतानंद और उनके बेटे, डॉ. अंशुमान को बंधक बनाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की। हमलावरों ने न केवल डॉक्टर और उनके बेटे पर हमला किया, बल्कि उनके क्लिनिक में भी जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान स्टाफ और मरीजों को भी निशाना बनाया गया, महिला स्टाफ के साथ बदसलूकी की गई।
मकान और जमीन पर कब्जे की कोशिश
हमलावरों का उद्देश्य मकान और क्लिनिक पर कब्जा जमाना था। घटना से पहले एक धमकी भरा कॉल आया था, जिसमें बताया गया कि अगले दिन 40-50 लोग क्लिनिक में पहुंचेंगे। डॉक्टर और उनके बेटे ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन हमलावरों ने सुबह 10 बजे हमला कर दिया। सीसीटीवी कैमरों को निकालने और क्लिनिक के DVR को नुकसान पहुंचाने के बाद हमलावरों ने डॉक्टर और उनके बेटे को बंधक बना लिया। 10 मोबाइल और स्टाफ से 6000 रुपये नकद लूट लिए गए। डॉक्टर अंशुमान का कहना है कि पुलिस समय पर पहुंच गई, जिससे उनकी जान बच गई।
पुलिस की तत्परता और गिरफ्तारी
हमले के दौरान पुलिस को सूचना मिली और चार हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने दो बंदूकें और एक रिवॉल्वर बरामद की। गिरफ्तार लोगों में संजीत कुमार, मंगरू कुमार, अमलेश सिंह और परमजीत सिंह शामिल हैं।
जमीन विवाद का मामला
एसडीपीओ साकेत कुमार ने घटना के पीछे जमीन विवाद को कारण बताया। डॉक्टर अंशुमान के मामा, जो अमेरिका में रहते हैं, ने मकान और जमीन का एक बिल्डर से रजिस्टर्ड एग्रीमेंट किया हुआ है। पुलिस ने बताया कि हमलावरों के पास लाइसेंसी हथियार थे, जिनके लाइसेंस रद्द करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। यह घटना एक बार फिर से पटना में बढ़ते अपराध और जमीन कब्जे के मामलों को उजागर करती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से डॉक्टर और उनके परिवार की जान तो बच गई, लेकिन इस घटना ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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