बिहार STF की बड़ी सफलता: 2 लाख के इनामी बालू माफिया रंजीत चौधरी गिरफ्तार
पटना। बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 2 लाख रुपये के इनामी बालू माफिया रंजीत चौधरी को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार कर लिया है। रंजीत पर बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों में हत्या, लूट, रंगदारी, आर्म्स एक्ट और पुलिस पर हमला समेत कुल 27 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह गिरफ्तारी बालू माफिया के बढ़ते आतंक के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
बड़ी वारदात: देवराज हत्याकांड में नाम आया सामने
6 नवंबर 2023 को पटना के रानीतालाब थाने के गेट पर बालू ठेकेदार देवराज यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में रंजीत चौधरी का नाम सामने आया था। देवराज का निजी बॉडीगार्ड भी घटना के वक्त मौजूद था, लेकिन वह हमलावरों को रोक नहीं सका। इस हत्या के बाद रंजीत फरार हो गया था और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी।
रंजीत चौधरी का आरोप: पुलिस ने रची साजिश
गिरफ्तारी के बाद रंजीत चौधरी का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उसने दावा किया कि उसे झूठे केस में फंसाया गया है। रंजीत ने आरोप लगाया कि पालीगंज के तत्कालीन डीएसपी प्रीतम कुमार और रानीतालाब थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार गहलोत ने उसे जान-बूझकर इस मामले में फंसाया। उसने यह भी कहा कि देवराज के परिवार वालों ने उसकी हत्या में उसका नाम नहीं लिया था, फिर भी उसे आरोपी बनाया गया।रंजीत ने डीएसपी प्रीतम कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डीएसपी ने उसे देवराज की हत्या के लिए सुपारी दी थी और कहा था कि हत्या के बाद बालू से मिलने वाले पैसे का आधा-आधा हिस्सा बांट लिया जाएगा। रंजीत ने राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
STF की कार्रवाई: कई महीनों से थी तलाश
बिहार STF ने कई महीनों की कोशिशों के बाद रंजीत चौधरी को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार किया। रंजीत की गिरफ्तारी बालू माफिया के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा थी, जिसके तहत राज्यभर में बालू माफिया और अपराधियों पर शिकंजा कसने की कोशिशें की जा रही हैं।
रंजीत पर दर्ज आपराधिक मामले
रंजीत चौधरी पर भोजपुर, पटना और झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के कई थानों में हत्या, लूट, रंगदारी, आर्म्स एक्ट और पुलिस पर हमले के आरोप हैं। कुल मिलाकर उसके खिलाफ 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस की माने तो रंजीत का नेटवर्क काफी बड़ा है, और उसकी गिरफ्तारी से इस गिरोह पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।
आगे की कार्रवाई
रंजीत चौधरी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब उसके सहयोगियों और बालू माफिया नेटवर्क की जांच में जुट गई है। इसके अलावा, देवराज हत्याकांड में डीएसपी प्रीतम कुमार और अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है, जैसा कि रंजीत ने आरोप लगाए हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी सच्चाई जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।
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BIHAR - JHARKHAND
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