मधु कोड़ा की विधानसभा चुनाव लड़ने पर रोक, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज
रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्मीदों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया है। कोयला घोटाला मामले में तीन साल की सजा पाए कोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी, जिसे आज अदालत ने खारिज कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। गुरुवार को पीठ ने कहा था कि याचिका की फाइल देर से मिलने की वजह से उस पर ध्यान नहीं दिया जा सका था, जिससे फैसला शुक्रवार तक के लिए टल गया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद कोड़ा की याचिका को खारिज करते हुए उनकी दोषसिद्धि पर कोई राहत देने से इनकार कर दिया।
कोयला घोटाले में मिली थी तीन साल की सजा
2017 में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने मधु कोड़ा को झारखंड के राजहरा उत्तर कोयला ब्लॉक के गलत आवंटन के मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। साथ ही, कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, और झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु पर आर्थिक दंड भी लगाया गया था। उन पर आरोप था कि कोड़ा ने यूपीए शासन के दौरान सत्ता का दुरुपयोग करते हुए एक कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए कोयला ब्लॉक आवंटित किया था।
हाई कोर्ट ने भी किया था याचिका खारिज
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 18 अक्टूबर को कोड़ा की दोषसिद्धि पर रोक की याचिका को खारिज कर दिया था। सीबीआई ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि चुनाव लड़ने पर रोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत न्यायोचित है। हाईकोर्ट ने कहा था कि जब तक उन्हें बरी नहीं किया जाता, तब तक कोड़ा को चुनाव लड़ने की अनुमति देना गलत होगा।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अयोग्यता
भारत के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, किसी व्यक्ति को दो साल से अधिक की सजा होने पर वह चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाता है। जेल से रिहा होने के बाद भी वह छह वर्षों तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहता है।
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