कैमूर के करमचट डैम का होगा विकास: 50 करोड़ की योजना को मंजूरी, पर्यटकों के लिए इको फ्रेंडली सुविधाएं

कैमूर के करमचट डैम का होगा विकास: 50 करोड़ की योजना को मंजूरी, पर्यटकों के लिए इको फ्रेंडली सुविधाएं

कैमूर। जिले के करमचट डैम को इको टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी है। 18 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस डैम को पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनाने की योजना है। यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स, कैंपिंग, और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

डैम के विकास की योजना

करमचट डैम, जो दुर्गावती नदी पर बना है, पहले से ही जलाशय और वोटिंग गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। अब इस क्षेत्र को और विकसित करने के लिए इको पार्क और एडवेंचर हब तैयार किया जाएगा। डैम के आसपास जिप लाइन, ऑप्टिकल कोर्स, जलाशय, और पक्षियों को देखने के लिए विशेष पार्क बनाए जाएंगे। यह परियोजना पर्यटन विभाग द्वारा चलाई जाएगी, जिसका कार्यान्वयन वन विभाग के माध्यम से किया जाएगा।

डीएफओ का बयान

कैमूर डीएफओ चंचल प्रकाशम ने कहा, "यह क्षेत्र पर्यटन के लिए अनूठा है। डैम के दूसरी ओर इको टूरिज्म गतिविधियां शुरू होंगी, जिससे पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। यहां जिप लाइन और वॉटर स्पोर्ट्स जैसी सुविधाओं का विकास किया जाएगा।"

पर्यटकों के लिए खास अनुभव
  • एडवेंचर स्पोर्ट्स: जिप लाइन और ऑप्टिकल कोर्स जैसे रोमांचक खेल।
  • इको फ्रेंडली पार्क: प्रकृति के बीच शांत वातावरण में समय बिताने की सुविधा।
  • वॉटर स्पोर्ट्स: जलक्रीड़ाओं का आनंद।
  • पक्षी अवलोकन: पक्षियों को देखने के लिए खास इंतजाम।
विकास के अन्य पहलू

करमचट डैम के आसपास का इलाका पहाड़ों और झरनों से घिरा हुआ है। बारिश के समय यहां का दृश्य और भी सुंदर हो जाता है। वर्तमान में डैम पर वोटिंग की सुविधा चालू है, जिसे अब वॉटर स्पोर्ट्स और अन्य रोमांचक गतिविधियों के साथ विस्तारित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री का ध्यान

मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस क्षेत्र में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। मां मुंडेश्वरी पार्क और करकटगढ़ जलप्रपात जैसे स्थलों पर पहले से कार्य चल रहा है। अब करमचट डैम को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है।

पर्यटन की संभावनाएं

यह परियोजना दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत तक शुरू होने की संभावना है। इससे कैमूर में पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलने की उम्मीद है। स्थानीय लोग भी इस पहल से काफी उत्साहित हैं, क्योंकि यह न केवल क्षेत्र की सुंदरता को उजागर करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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