बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा: मुख्यमंत्री ने 109 मुफ्त औषधि वाहनों को किया रवाना

बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा: मुख्यमंत्री ने 109 मुफ्त औषधि वाहनों को किया रवाना

पटना। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को 109 मुफ्त औषधि वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम का आयोजन पटना के 1 अणे मार्ग पर हुआ, जहां मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिंहा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और विजय चौधरी भी मौजूद रहे।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की पहल

इन औषधि वाहनों का उद्देश्य राज्य के हर जिले, प्रखंड, और पंचायत स्तर पर सरकारी अस्पतालों और उपस्वास्थ्य केंद्रों तक दवाइयों की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करना है। कुल 109 वाहन, बड़ी और छोटी श्रेणियों में बांटे गए हैं, जिनमें:

  • बड़ी वाहनें: पटना से सभी 38 जिला मुख्यालयों तक दवाइयों की आपूर्ति करेंगी।
  • छोटी वाहनें: जिला मुख्यालय से प्रखंड मुख्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), और पंचायत स्तर के उपस्वास्थ्य केंद्रों तक दवाइयों को पहुंचाएंगी।
पुरानी समस्याओं का समाधान

सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की आपूर्ति में देरी और खराब ट्रांसपोर्ट व्यवस्था के कारण अक्सर दवाइयां स्टॉक में ही खराब या एक्सपायर हो जाती थीं। इस नई पहल से यह समस्या समाप्त होने की उम्मीद है। इन औषधि वाहनों के माध्यम से दवाइयां अब समय पर अस्पतालों तक पहुंचेंगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को भी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री का विजन और संकल्प

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य तंत्र में जनता का विश्वास भी बढ़ाएगी।

दूरदराज क्षेत्रों में राहत

ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए यह कदम काफी महत्वपूर्ण है। स्थानीय उपस्वास्थ्य केंद्रों तक दवाइयों की नियमित आपूर्ति से प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और गंभीर बीमारियों का समय पर इलाज संभव हो सकेगा।

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी पहल

स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इन वाहनों की निगरानी के लिए एक डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम भी विकसित किया है। इससे दवाइयों के स्टॉक और उनकी डिलीवरी पर नजर रखी जा सकेगी।

जनता की उम्मीदें

इस पहल से राज्य के लोगों में उम्मीद जगी है कि सरकारी स्वास्थ्य तंत्र अब और अधिक प्रभावी और भरोसेमंद बनेगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि यह उनकी चिकित्सा संबंधी परेशानियों को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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