छतरपुर विधानसभा में चुनावी सरगर्मियां तेज, प्रत्याशियों में असमंजस

छतरपुर विधानसभा में चुनावी सरगर्मियां तेज, प्रत्याशियों में असमंजस

 

छतरपुर, पलामू / निरंजन सिन्हा छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी बिगुल बज चुका है, और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी असमंजस में हैं। इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को अपने प्रत्याशी के तौर पर पूर्व विधायक पुष्पा देवी का नाम घोषित कर दिया। उनके समर्थकों ने इसे लेकर उत्साहपूर्वक पटाखे फोड़े और खुशी जताई।वहीं, इंडिया गठबंधन ने अब तक अपने प्रत्याशी का नाम तय नहीं किया है, जिससे गठबंधन के समर्थकों और नेताओं के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई दावेदार, विशेषकर ममता भुइयां, विजय राम, प्रकाश राम और चंचला देवी, राजद से टिकट पाने की होड़ में हैं। वहीं, जेएमएम और कांग्रेस से भी कई उम्मीदवार अपनी दावेदारी पुख्ता करने में जुटे हैं।

राधाकृष्ण किशोर फिर मैदान में

पांच बार विधायक रह चुके राधाकृष्ण किशोर ने रविवार को नामांकन पत्र खरीदकर यह संकेत दिया कि वे एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले राजद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब उन्होंने भाजपा के साथ अपने भविष्य को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी है।

प्रथम चरण के चुनाव के लिए नामांकन जारी

अंचल अधिकारी के मुताबिक, नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद पहले दिन कोई भी नामांकन पत्र नहीं खरीदा गया था। दूसरे दिन, राधाकृष्ण किशोर सहित संदीप कुमार, लक्ष्मी रवि और कन्हाई राम ने नामांकन पत्र खरीदे। छतरपुर-पाटन विधानसभा में पहले चरण के चुनाव के लिए 25 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे और 13 नवंबर को मतदान होगा। स्थानीय और जिला प्रशासन ने शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि मतदाताओं की अधिक से अधिक भागीदारी हो सके।

विधानसभा की प्रमुख जानकारी

यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। छतरपुर-पाटन विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,16,061 मतदाता हैं, जिनमें 1,62,627 पुरुष और 1,53,434 महिलाएं हैं। यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित है और इसकी सीमा बिहार से सटी हुई है, जिसके कारण यहां सबसे ज्यादा सुरक्षा बल तैनात रहता है।

पाटन छतरपुर का विकास और चुनौतियां

पिछले दशक में पाटन छतरपुर पत्थर खदानों के कारोबार का प्रमुख केंद्र बन गया है, जिससे इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से मजबूती मिली है। हालांकि, इस क्षेत्र में पलायन और सूखे की समस्या अभी भी गंभीर है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भर इस क्षेत्र में सिंचाई के संसाधनों की कमी के कारण बड़ी संख्या में लोग रोज़गार की तलाश में अन्यत्र पलायन करते हैं।

पिछले विधायक

1977: जोरावर राम
1980 और 1985: राधाकृष्ण किशोर
1990: लक्ष्मण राम
1995: राधाकृष्ण किशोर
2000: मनोज कुमार
2005: राधाकृष्ण किशोर (जदयू)
2009: सुधा चौधरी (जदयू)
2014: राधाकृष्ण किशोर (भाजपा)
2019: पुष्पा देवी (भाजपा)

 

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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