भाजपा में चल रहा है गणेश परिक्रमा, पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं; 28 अक्टूबर को करेंगे नामांकन: डॉक्टर लुईस मरांडी
बसंत सोरेन ने असम के सीएम हेमंता बिस्वा सरमा को दी नसीहत
बोले: असम के मुख्यमंत्री अपने जनता को भुलाया, प्रवासी बनाकर झारखंड में घूम रहे हैं; चुनाव के बाद बना ले झारखंड का वोटर आईडी कार्ड
दुमका। जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष सह सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन शनिवार को शहर के हतियापाथर स्थित भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष सह झारखंड सरकार में मंत्री रही डॉक्टर लुईस मरांडी के आवास पर बसंत सोरेन मिलने पहुंचे। जहां लुइस समर्थक काफी संख्या में बसंत सोरेन से मिलने को आतुर दिखे । उसके बाद लुईस मरांडी बसंत सोरेन से मिलने खिजुरिया स्थित शिबू सोरेन के आवास पर पहुंची। यह बता दें कि,झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंतिम लिस्ट में जामा से डॉ. लुईस मरांडी को उम्मीदवार बनाया गया है। 21 अक्टूबर को भाजपा से इस्तीफा देकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ग्रहण किया । झारखंड मुक्ति मोर्चा का सिंबल नहीं मिलने के पूर्व के दिनों में लुईस मरांडी के आवास पर सन्नाटा पसरा हुआ था। पार्टी सिंबल लेकर रांची से लौटी लुईस मरांडी के आवास पर फिर से कार्यकर्ताओं में उत्साह लौटने लगा है। श्रीमती मरांडी के समर्थक दुमका भाजपा में आज से ही इस्तीफा की झड़ी लगानी शुरू कर दी है। कई पूर्व और वर्तमान लुइस समर्थक झामुमो का दामन थामना शुरू कर दिया है। लुईस मरांडी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि उन्हें दूध में गिरी मक्खी की तरह उठाकर फेंक दिया तो झामुमो ने उन्हें अपना कर वह सम्मान दिया जिसे लेकर ही नहीं रहेंगे भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा में काम का महत्व नहीं है। गणेश परिक्रमा करने वाले के लिए वहां पर स्थान है। महिलाओं को सम्मान भाजपा में नहीं है। इसका उदाहरण मैं हूं। भुलाया नहीं जा सकता । 28 अक्टूबर को करेंगे नामांकन वहीं बसंत सोरेन ने अपने पत्रकारों से कहा कि कार्यकर्ताओं को संदेश देने की आवश्यकता नहीं है कार्यकर्ता तैयार थे तैयार हैं । फील्ड की ओर जा रहे हैं जो भी अड़चन हैं उसको रोंदते हुए हमलोग आगे बढ़ेंगे। सभी के सहयोग से विधानसभा चुनाव जीतना है और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में फिर से झारखंड में सरकार बनाना है। बसंत सोरेन ने असम के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा की अभी आचारसंहिता है । आचार संहिता खत्म होने के बाद वोटर आईडी कार्ड बनाकर झारखंड का निवासी बन जाए। असम के मुख्यमंत्री वहां की जनता भुला दिया है। असम के सीएम प्रवासी बनाकर झारखंड में घूम रहे हैं। जामा विधानसभा को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि जामा विधानसभा झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ रहा है। इसलिए जामा विधानसभा का प्रत्याशी भारी मतों से जीत दर्ज करेंगे।
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BIHAR - JHARKHAND
मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है।