नेपाल में भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन ने मचाई तबाही, 112 की मौत, कई लापता
काठमांडू। नेपाल में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। गुरुवार से शुरू हुई भारी बारिश के चलते देश के कई हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं सामने आई हैं, जिनमें अब तक 112 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 34 मौतें काठमांडू घाटी में दर्ज की गई हैं। कई लोग अब भी लापता हैं, जबकि 226 घर जलमग्न हो चुके हैं। देशभर में राजमार्गों और पुलों के नष्ट हो जाने से आवागमन लगभग पूरी तरह से ठप हो गया है।
काठमांडू घाटी में सबसे ज्यादा नुकसान
नेपाल के गृह मंत्रालय के अनुसार, बारिश और भूस्खलन से काठमांडू घाटी सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। पूरे देश में बाढ़ और भूस्खलन के चलते 226 मकान पानी में डूब चुके हैं, जबकि सैकड़ों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। नेपाल पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की टीमों ने करीब तीन हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, लेकिन अभी भी राहत और बचाव कार्य जोरों पर है। काठमांडू के सभी प्रवेश मार्ग भूस्खलन की वजह से अवरुद्ध हो चुके हैं, जिससे शहर का बाकी देश से संपर्क लगभग कट चुका है।
सरकार की आपात बैठक, राहत कार्य में तेजी
नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री प्रकाश मान सिंह ने एक आपात बैठक बुलाकर स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में गृहमंत्री, गृह सचिव और अन्य मंत्रियों के साथ सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने भाग लिया। प्रकाश मान सिंह ने बचाव कार्यों में तेजी लाने और प्रभावितों को तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने मंगलवार तक सभी स्कूलों को बंद रखने और विश्वविद्यालय परीक्षाओं को स्थगित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही घायलों के मुफ्त इलाज और बेघर लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
1970 के बाद की सबसे भारी बारिश
काठमांडू में इस बार की बारिश ने पिछले 54 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शनिवार को 1970 के बाद से सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। इस भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं, जिससे काठमांडू के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। कई घरों में पानी भरने से लोग ऊपरी मंजिलों पर शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।
बिजली और इंटरनेट सेवाएं बाधित
बाढ़ और भूस्खलन के कारण काठमांडू और आसपास के इलाकों में बिजली और इंटरनेट सेवाएं कई घंटों तक बाधित रहीं। हालांकि, शनिवार देर शाम तक बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई। सेना के हेलीकॉप्टर लगातार प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं। सरकार की प्राथमिकता अब राजमार्गों को साफ कर पुन: आवागमन बहाल करने की है। नेपाल में आई इस आपदा ने देश की अर्थव्यवस्था और जनजीवन पर गहरा असर डाला है। राहत और बचाव कार्यों के बावजूद स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है, और लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
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