28 महीनों से जेल में बंद निलंबित IAS पूजा सिंघल को मिली जमानत
रांची। निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को 28 महीनों की जेल के बाद बड़ी राहत मिली है। शनिवार को रांची की विशेष पीएमएलए (प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत प्रदान कर दी। पूजा सिंघल ने कस्टडी अवधि के आधार पर जेल से रिहा होने की गुहार लगाई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया।
क्या है मामला?
पूजा सिंघल पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार से अर्जित धन को छिपाने का प्रयास किया। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद थीं।
कस्टडी अवधि और नए कानून का आधार
पूजा सिंघल के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि नए कानून के अनुसार, अगर आरोपी की न्यायिक हिरासत की अवधि उस सजा की एक-तिहाई हो जाती है, जो उक्त मामले में दी जा सकती है, तो आरोपी को जमानत दी जा सकती है। पूजा सिंघल 28 महीनों से जेल में बंद हैं, और इसी आधार पर उन्होंने जमानत की मांग की थी।
कोर्ट की प्रक्रिया
इससे पहले, कोर्ट ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अधीक्षक से यह जानकारी मांगी थी कि पूजा सिंघल कब से जेल में हैं और उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि कितनी है। जेल अधीक्षक ने कोर्ट को सूचित किया कि पूजा सिंघल 28 महीनों से जेल में हैं। इस जानकारी के आधार पर कोर्ट ने जमानत का आदेश दिया।
क्या होगा आगे?
जमानत मिलने के बाद अब पूजा सिंघल जेल से रिहा होंगी। हालांकि, यह जमानत केवल कस्टडी अवधि के आधार पर है, और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है।
मामले पर नजर
यह मामला झारखंड के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चित रहा है। पूजा सिंघल की गिरफ्तारी और अब जमानत से इस पर एक नई बहस शुरू हो सकती है। भ्रष्टाचार के मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर आम जनता की नजर इस पर बनी हुई है।पूजा सिंघल की रिहाई को उनके परिवार और समर्थकों ने राहत की तरह देखा है, लेकिन उनके खिलाफ चल रहे आरोपों की सच्चाई का फैसला आने वाले समय में कोर्ट करेगी।
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