औरंगाबाद सब्जी मंडी हटाने के विरोध में दुकानदारों की हड़ताल: प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन और मांगें, शहर में सब्जियों की बिक्री ठप
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के मुख्यालय में सब्जी मंडी हटाने के खिलाफ बुधवार को फल और सब्जी विक्रेताओं ने व्यापक हड़ताल और प्रदर्शन किया। इसके परिणामस्वरूप पूरे दिन सब्जी मंडी में सन्नाटा पसरा रहा, और शहर में सब्जियों की बिक्री बंद हो गई। इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य प्रशासन द्वारा सब्जी मंडी को हटाने के निर्णय के खिलाफ आवाज उठाना था, जिसमें दुकानदारों को बिना किसी पूर्व सूचना के हटाया गया और उनकी आजीविका प्रभावित हुई।
पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली
गांधी मैदान से शुरू होकर, सब्जी और फल विक्रेताओं ने पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली। यहां उन्होंने जिलाधिकारी (डीएम) को ज्ञापन सौंपा, जिसमें अपने मुद्दों और मांगों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया। विक्रेताओं का कहना था कि नगर परिषद ने वर्ष 2006 में ही इस जमीन से संबंधित मुकदमे को हार दिया था, तो अब उन्हें टैक्स की वसूली क्यों की जा रही है? उनका यह भी कहना था कि यह भूमि 184 डिसमिल है, जबकि विवाद केवल 65 डिसमिल के क्षेत्र का है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना नापी करवाए ही सभी दुकानों को तोड़ दिया गया, जिससे उनका भारी नुकसान हुआ।
विक्रम कानूनों और विधिक प्रावधानों का उल्लंघन
विक्रेताओं का आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 2014 और 2017 में लागू किए गए कानूनों का उल्लंघन करते हुए, उन्हें बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बेदखल कर दिया गया। इन कानूनों के अनुसार, फुटपाथी दुकानदारों को हटाने से पहले उन्हें अन्यत्र स्थान प्रदान किया जाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन ने इसका पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि बड़े पूंजीपति सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती, जबकि गरीबों से जमीन जबरन खाली कराई जा रही है।
विरोध के दौरान दुर्व्यवहार के आरोप
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक दिव्यांग व्यक्ति के साथ अभद्र व्यवहार किया और मारपीट की। इस मामले में जमीन की सही नापी करवाने और उसके बाद उचित कार्रवाई करने की मांग की गई। इसके साथ ही, विक्रेताओं ने अपने सामानों के नुकसान की भरपाई की मांग भी की।
विरोध में शामिल प्रमुख लोग
इस विरोध प्रदर्शन में फुटपाथ फेरी विक्रेता संघ के अध्यक्ष शशि सिंह, अशोक कुमार, सुरेश मेहता, बंटी कुमार, भोला प्रसाद, संतोष कुमार, सुनील मेहता, अशोक मेहता, रामाशीष शर्मा, धीरज कुमार, अंकित मेहता, प्रेम भगत, नीतीश कुमार, राजीव कुमार, कृष्णा मेहता, मनोज कुमार, मुरारी कुमार सहित अन्य विक्रेता शामिल रहे।
हड़ताल का व्यापक असर और प्रतिक्रिया
हड़ताल के कारण शहर के अन्य हिस्सों में भी सब्जियों की बिक्री बंद रही। कर्मा रोड समेत अन्य क्षेत्रों में भी विक्रेताओं ने हड़ताल में शामिल होने की अपील की। इस प्रदर्शन का व्यापक असर जिला मुख्यालय में देखा गया, जहां सड़कों पर सब्जी की दुकानें बंद रहीं और विक्रेताओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रशासन से अपील और समाधान की मांग
दुकानदारों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सब्जी मंडी का निर्माण कराने और उन्हें उचित स्थान प्रदान करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। प्रशासन ने अभी तक इस मामले में कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विक्रेताओं की मांगें और उनका विरोध प्रदर्शन जारी है। यह स्थिति औरंगाबाद में एक गंभीर मुद्दा बन गई है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और विक्रेता इस मुद्दे का समाधान कैसे करते हैं। विक्रेताओं का कहना है कि वे अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और प्रशासन को अपनी मांगें माननी ही होंगी।