महात्मा गांधी की 155वीं जयंती पर सुजीत उपाध्याय को मिला गांधी स्मृति दर्शन समिति का सम्मान
रांची। झारखंड फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल के सचिव सुजीत उपाध्याय को गांधी स्मृति दर्शन समिति द्वारा महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष सम्मान से नवाज़ा गया है। यह सम्मान उन्हें दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया, जहां उनके जन कल्याणकारी कार्यों और सामाजिक योगदान को सराहा गया।
समाज सेवा में अद्वितीय योगदान
सुजीत उपाध्याय, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संयुक्त सचिव भी हैं, ने अपने कार्यकाल के दौरान समाज सेवा और कल्याणकारी योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के कठिन समय में, जब देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थीं और जरुरतमंद लोगों की मदद की सख्त ज़रूरत थी, उपाध्याय ने आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने न केवल जरुरतमंदों के बीच दवाइयों और खाद्य सामग्री का वितरण सुनिश्चित किया, बल्कि उन लोगों को अस्पताल पहुंचाने में भी मदद की जो इलाज के अभाव में पीड़ित थे। उनके इन कार्यों को न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिया सम्मान का श्रेय
इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद, सुजीत उपाध्याय ने अपने कार्यों का श्रेय राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूरदर्शी नीतियों और प्रेरणा को दिया। उन्होंने कहा, "यह सम्मान मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। मैं इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूरदर्शिता और उनके नेतृत्व को समर्पित करता हूँ, जिनकी प्रेरणा से हमने राज्य के लोगों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। मुख्यमंत्री की जनकल्याणकारी नीतियों ने हमें दिशा और प्रोत्साहन दिया है, जिसके बिना ये कार्य संभव नहीं हो पाते।"
गांधी स्मृति दर्शन समिति का महत्व
गांधी स्मृति दर्शन समिति का यह सम्मान विशेष रूप से उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने समाज के लिए अनुकरणीय कार्य किए हों। महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर आधारित यह समिति समाज के विभिन्न वर्गों में बदलाव लाने वाले लोगों और संगठनों को प्रोत्साहित करती है। सुजीत उपाध्याय का चयन उनके द्वारा किए गए समाज सेवा कार्यों के आधार पर किया गया है, जिसमें उनका प्रयास रहा है कि राज्य के जरूरतमंद लोगों तक हर संभव सहायता पहुंचाई जा सके।
झारखंड फिल्म उद्योग के विकास में योगदान
सुजीत उपाध्याय न केवल समाजसेवी कार्यों में अग्रणी हैं, बल्कि झारखंड फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल के सचिव के रूप में भी राज्य के फिल्म उद्योग को नए आयाम देने में लगे हुए हैं। उनके प्रयासों से झारखंड में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन मिला है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। उनके नेतृत्व में, झारखंड में कई फिल्मों की शूटिंग हुई है, जिसने राज्य के युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं।
भविष्य की योजनाएं
सम्मान समारोह के दौरान, उपाध्याय ने राज्य में फिल्म उद्योग के विकास और समाज सेवा के अन्य क्षेत्रों में अपने भविष्य के कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में फिल्म और कला संस्कृति को और मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने सामाजिक सेवा कार्यों को और व्यापक रूप देने की योजना पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि वह राज्य के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कई नई योजनाओं पर काम कर रहे हैं। सुजीत उपाध्याय का यह सम्मान सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो समाज सेवा और जनकल्याण के कार्यों में लगे हुए हैं। उनके द्वारा किए गए कार्य यह साबित करते हैं कि सही नेतृत्व और मार्गदर्शन में समाज के लिए सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए, सुजीत उपाध्याय ने न केवल राज्य के फिल्म उद्योग में बल्कि समाज के जरूरतमंद वर्गों के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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BIHAR - JHARKHAND
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