पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री जयशंकर SCO की बैठक में होंगे शामिल
दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में आयोजित शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) के हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में शामिल होंगे। यह दौरा खास इसलिए है क्योंकि पिछले 9 सालों में यह पहली बार होगा जब भारत का कोई मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेगा। इससे पहले 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान दौरे पर गई थीं। हालांकि, जयशंकर के इस दौरे को भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों के बीच किसी सकारात्मक बदलाव के रूप में नहीं देखा जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया है कि जयशंकर की यह यात्रा केवल SCO चार्टर के तहत है, और इसे भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की कोशिश के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को लेकर प्रतिबद्ध है, और यही इस दौरे का एकमात्र उद्देश्य है।
जयशंकर का पहले बयान
पाकिस्तान की ओर से निमंत्रण मिलने के बाद, 30 अगस्त को जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्तों पर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था, "पाकिस्तान से बातचीत का दौर खत्म हो चुका है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी भी रिश्ते पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है।" जयशंकर के इस बयान से यह साफ था कि भारत की ओर से पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत की गुंजाइश अब खत्म हो चुकी है। भारत सरकार का यह रुख खास तौर पर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद और मजबूत हो गया है।
SCO बैठक का महत्व
SCO के हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की यह बैठक क्षेत्रीय सहयोग और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जाती है। इसमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान समेत कई देशों के प्रमुख शामिल होते हैं। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि इस बैठक में भाग लेने का मकसद सिर्फ SCO के दायित्वों को निभाना है, न कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में कोई सुधार लाना। विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह दौरा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की जिम्मेदारियों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
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