बिहार में शिक्षकों के लिए जींस और टी-शर्ट पर पाबंदी, औपचारिक परिधान अनिवार्य

 बिहार में शिक्षकों के लिए जींस और टी-शर्ट पर पाबंदी, औपचारिक परिधान अनिवार्य

पटना।  बिहार के स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए अब जींस और टी-शर्ट पहन कर आने पर रोक लगा दी गई है। शिक्षा विभाग ने बुधवार को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि सभी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी अब केवल औपचारिक और गरिमायुक्त परिधान में ही स्कूलों में उपस्थित होंगे। शिक्षा विभाग के अनुसार, हाल के दिनों में यह देखा गया है कि कई शिक्षक और कर्मी स्कूलों में अनौपचारिक परिधानों, विशेषकर जींस और टी-शर्ट में आ रहे हैं, जो कि शैक्षणिक संस्थानों की गरिमा और माहौल के अनुकूल नहीं है। विभाग ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे कार्यालय संस्कृति के विरुद्ध माना है। शिक्षा विभाग को सोशल मीडिया के माध्यम से भी यह जानकारी प्राप्त हुई है कि कुछ स्कूलों में शिक्षकों और कर्मियों द्वारा डीजे-नृत्य और डिस्को जैसी गतिविधियों का आयोजन हो रहा है, जो शैक्षणिक वातावरण को प्रभावित कर रही हैं। विभाग ने इसे शैक्षणिक अनुशासन के लिए हानिकारक बताते हुए कहा कि यह प्रकार की गतिविधियां स्वीकार्य नहीं हैं।

सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश

शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षकों और कर्मियों का आचरण शैक्षणिक संस्थानों के माहौल को नकारात्मक नहीं बनाना चाहिए।

औपचारिक और शालीन व्यवहार अनिवार्य

शिक्षा विभाग के निदेशक, प्रशासन सुबोध चौधरी ने इस संबंध में जिलों को पत्र लिखकर कहा है कि स्कूलों में शालीन व्यवहार और गरिमामयी वातावरण को सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही, शिक्षकों और कर्मियों के लिए औपचारिक परिधान पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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