रांची : चुनाव को लेकर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में छापेमारी झारखंड
रांची। झारखंड में विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने के लिए गुरुवार की सुबह होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया गया। रांची जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से जेल के सभी वार्डों और बैरकों की सघन जांच की गई, ताकि किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक सामग्री या गतिविधियों पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा जा सके। इस छापेमारी का नेतृत्व रांची के डीसी वरुण रंजन और एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने किया। उनके साथ अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) राजेश्वरनाथ आलोक, सिटी एसपी राजकुमार मेहता, सदर एसडीओ उत्कर्ष कुमार, डीएसपी-दो सहित कार्यपालक दंडाधिकारी और 20 पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे। सुरक्षा को मजबूत करने के लिए करीब 150 पुलिस जवानों ने भी इस छापेमारी में भाग लिया, जिससे जेल परिसर के सभी हिस्सों में व्यापक निरीक्षण किया जा सके।
सभी वार्ड और बैरक की कड़ी निगरानी
अभियान के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने जेल के हर वार्ड और बैरक की गहनता से जांच की। विशेष बल ने जेल के भीतर सभी कोनों और सेलों की तलाशी ली, ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों को रोका जा सके। जेल में मोबाइल फोन, नशीले पदार्थ, अवैध दस्तावेज़ या हथियार जैसे किसी भी आपत्तिजनक सामग्री की खोज में तलाशी की गई, जिससे जेल में बाहरी संपर्क पर रोक लगाई जा सके और कैदियों पर कड़ी नजर रखी जा सके।
भयमुक्त चुनाव के लिए प्रशासन की कड़ी तैयारी
झारखंड के विधानसभा चुनावों को शांतिपूर्ण और भयमुक्त बनाने के लिए प्रशासन ने सभी संभावित खतरे और अव्यवस्था की आशंकाओं पर नियंत्रण के लिए इस तरह की छापेमारी शुरू की है। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि चुनाव के दौरान जेल से बाहरी नेटवर्क के जरिए किसी भी प्रकार का दखल न हो, इसके लिए सख्त निगरानी की जा रही है। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि जेल में किसी भी तरह का प्रतिबंधित सामान न पहुंचे, ताकि चुनावी माहौल पूरी तरह से निष्पक्ष और सुरक्षित रहे।
आगे भी होंगे सघन निरीक्षण
सूत्रों के अनुसार, रांची जिला प्रशासन आगे भी ऐसे सघन निरीक्षण अभियान चलाने की योजना बना रहा है। प्रशासन का कहना है कि विधानसभा चुनावों तक नियमित छापेमारी के जरिए जेलों और संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। जेल के भीतर और बाहर संचार और सुरक्षा पर ध्यान देते हुए किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रोका जाएगा। इस छापेमारी में किसी तरह का आपत्तिजनक सामान नहीं मिलने से प्रशासन में संतोष का माहौल है। अधिकारियों का मानना है कि आगे भी इस प्रकार की कार्रवाई से सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाया जा सकेगा और चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी रहेगी।
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