मुख्यमंत्री ने धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक की, अधिकारियों को दिए निर्देश
पटना। दिवाली का त्योहार समाप्त होते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से सक्रिय रूप से सरकारी कार्यों की समीक्षा शुरू कर दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास 'संकल्प' में एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें धान अधिप्राप्ति और उससे संबंधित योजनाओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार और अन्य विभागों के आला अधिकारी भी शामिल हुए।
धान अधिप्राप्ति की समीक्षा
बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सामान्य ग्रेड के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। धान की अधिप्राप्ति 1 नवंबर 2024 से शुरू होकर 15 फरवरी 2025 तक चरणबद्ध रूप से चलेगी, और इस बार लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का रखा गया है।
चावल मिलों की बढ़ती संख्या
बैठक में बताया गया कि राज्य में चावल मिलों की संख्या अब बढ़कर 360 हो गई है, जिससे धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया को गति देने में मदद मिलेगी। इससे किसानों के लिए भी खरीद प्रक्रिया में सहूलियत बढ़ेगी और सरकार द्वारा तय समयसीमा में उनका धान खरीदा जा सकेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों के लिए धान बेचने की प्रक्रिया को सरल और परेशानी मुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित में हरसंभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम ने निर्देश दिए कि धान की अधिप्राप्ति के कार्य में पारदर्शिता और त्वरितता रखी जाए, ताकि किसानों को समय पर भुगतान मिले और किसी प्रकार की अनियमितता न हो।
राज्य में अधिप्राप्ति कार्य योजना
सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने बैठक में बताया कि राज्य के 19 जिलों में आज से धान अधिप्राप्ति शुरू कर दी गई है। वहीं, बाकी जिलों में 15 नवंबर से यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिला स्तर पर धान अधिप्राप्ति के लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है ताकि सभी जिलों में समान रूप से किसानों को लाभ पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने जोर देकर कहा कि इस प्रक्रिया को जिलेवार लक्ष्यों के अनुसार व्यवस्थित किया जाए ताकि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो। इस बैठक में मंत्री प्रेम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा और अन्य उच्च अधिकारी भी मौजूद थे।
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