औरंगाबाद के शिक्षकों की याचिका पर पटना हाईकोर्ट का फैसला: शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक
पटना। बिहार में सरकारी शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया एक बार फिर अटक गई है। औरंगाबाद के कुछ शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह याचिका औरंगाबाद के शिक्षक नीरज पांडेय समेत 13 अन्य शिक्षकों ने दायर की थी, जिन्होंने सरकार की नई ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी का विरोध किया है। दरअसल, बिहार सरकार शिक्षकों के लिए एक नई ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी लेकर आई थी, जिसके तहत शिक्षकों को चॉइस पोस्टिंग का विकल्प दिया जा रहा था। लेकिन औरंगाबाद के कुछ शिक्षकों ने इस पॉलिसी के तहत होने वाली ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आपत्ति जताते हुए इसे चुनौती दी है। शिक्षकों का कहना है कि यह पॉलिसी उनके लिए उचित नहीं है और इससे कई व्यावहारिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रभात कुमार सिंह की बेंच ने ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अगली सुनवाई तक के लिए स्टे लगा दिया। सरकारी पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ललित किशोर ने बहस की, जबकि शिक्षकों का पक्ष अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार ने रखा। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस पर 21 जनवरी 2025 को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। कोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।
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BIHAR - JHARKHAND
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