पटना में श्रद्धा और उत्साह के साथ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ छठ महापर्व का संध्याकालीन अर्घ्य
पटना। पटना में लोक आस्था के महापर्व छठ का संध्याकालीन अर्घ्य श्रद्धा और उत्साह के वातावरण में संपन्न हुआ। लाखों श्रद्धालु शहर के विभिन्न घाटों पर एकत्रित हुए और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। चार दिवसीय इस महापर्व के दौरान श्रद्धालु व्रत, उपवास और पूजा-पाठ के साथ सूर्य देवता की आराधना करते हैं। छठ व्रत को पूरे बिहार में विशेष श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया जाता है, और यह पर्व समाज में समृद्धि और खुशहाली के लिए सूर्य और छठी मैया की कृपा पाने का एक माध्यम माना जाता है।
प्रशासन की व्यापक तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था
इस धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था का विशेष ख्याल रखा गया। पटना जिला प्रशासन ने सभी घाटों पर विशेष व्यवस्था की थी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। ज़िलाधिकारी, पटना और वरीय पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी लगातार घाटों का निरीक्षण कर रहे थे और सभी गतिविधियों पर पैनी नज़र रख रहे थे। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए घाटों पर पुलिस बल तैनात किए थे और घाटों की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा गया था। पुलिस और आपदा प्रबंधन बल के जवान हर समय तत्पर रहे ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
यातायात और भीड़ नियंत्रण
सभी मुख्य घाटों और पूजा स्थलों के आस-पास यातायात नियंत्रण की विशेष व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित ढंग से नियंत्रित करने के लिए यातायात पुलिस ने रूट डायवर्जन की योजना बनाई थी, जिससे श्रद्धालुओं को घाटों तक पहुँचने में कोई बाधा न हो। प्रशासन ने इस दौरान वाहनों के आवागमन को सीमित कर दिया और पार्किंग की व्यवस्था भी अलग-अलग जगहों पर की गई थी। नगर निगम ने भी घाटों और आसपास के क्षेत्रों की साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा।
श्रद्धालुओं में अपार उत्साह और भक्ति का माहौल
महापर्व छठ के संध्याकालीन अर्घ्य के दौरान श्रद्धालुओं में भक्ति और उत्साह का अनोखा माहौल देखने को मिला। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं सहित सभी आयु वर्ग के लोगों ने अपने पारंपरिक वस्त्रों में सजधज कर छठी मैया की पूजा में भाग लिया। घाटों पर पारंपरिक गीत और छठ पूजा के लोकगीत गूंजते रहे, जिससे वातावरण और भी पवित्र हो गया। श्रद्धालु पूजा की तैयारियों में कई दिनों से जुटे थे और इस विशेष दिन का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। घाटों पर दीप जलाने और रंग-बिरंगी सजावट से माहौल और भी रंगीन हो गया था।
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