पटना में बनेगा हाईटेक साइबर कॉल और ट्रेनिंग सेंटर: 24 घंटे साइबर अपराध पर नजर, 176 अधिकारियों का चयन
पटना। बिहार पुलिस ने साइबर अपराध से निपटने के लिए हाईटेक सुविधाओं और कुशल मानव संसाधन तैयार करने की पहल शुरू की है। इस क्रम में पटना में एक अत्याधुनिक कॉल सेंटर और ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र के माध्यम से साइबर अपराध के मामलों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी।
साइबर कमांडो की होगी ट्रेनिंग
राज्य भर से आईटी और तकनीकी पृष्ठभूमि वाले 176 पुलिस पदाधिकारियों का चयन किया गया है। इन्हें साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने बताया कि पटना और राजगीर दोनों स्थानों पर ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी।
बिल्डिंग निर्माण और अधिकारियों की तैनाती
इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन पहले से ही पुलिस विभाग के पास उपलब्ध है। सरकार से केवल बिल्डिंग निर्माण की स्वीकृति की जरूरत है। नई बिल्डिंग में आईजी साइबर, डीआईजी साइबर, और 3 एसपी साइबर समेत साइबर सिक्योरिटी एसपी की तैनाती की जाएगी।
फाइनेंशियल फ्रॉड रोकने के लिए कदम
साइबर अपराधों, विशेषकर फाइनेंशियल फ्रॉड, से निपटने के लिए बिल्डिंग में बैंक अधिकारियों की 24 घंटे उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। इस साल अब तक डिजिटल अरेस्ट के 301 मामले सामने आए हैं, जिनमें लगभग 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। आर्थिक अपराध इकाई ने इनमें से 1.6 करोड़ रुपये होल्ड कराए हैं।
साउथ ईस्ट एशियन कनेक्शन का खुलासा
डीआईजी (आर्थिक अपराध इकाई) मानवजीत सिंह ढीलो ने बताया कि अधिकांश साइबर अपराध लाओस, कंबोडिया, मलेशिया और म्यांमार जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से जुड़े हैं। इन देशों में गए 374 बिहारी नागरिकों की पहचान की गई है। कई लोग इन देशों में फंसे हुए हैं। जांच में 8 ट्रैवल एजेंसियों की भूमिका सामने आई है, जिनमें 2 बिहार और 6 अन्य राज्यों (विशेषकर दिल्ली-एनसीआर) की एजेंसियां शामिल हैं।
सरकार की बड़ी योजना
इस सेंटर के माध्यम से बिहार पुलिस न केवल साइबर अपराधों पर रोक लगाएगी, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल तैयार करेगी। नई बिल्डिंग, अत्याधुनिक तकनीक, और प्रशिक्षित अधिकारी इस दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।
निगरानी और नियंत्रण की नई दिशा
इस पहल के तहत साइबर अपराधों पर नकेल कसने के साथ ही फंसे हुए लोगों को बचाने और धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। पटना का यह हाईटेक सेंटर राज्य के डिजिटल सुरक्षा तंत्र को मजबूती देगा।
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