आचार्य किशोर कुणाल का हार्ट अटैक से निधन

आचार्य किशोर कुणाल का हार्ट अटैक से निधन

पटना।महावीर मंदिर न्यास के सचिव और अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक सदस्यों में से एक, आचार्य किशोर कुणाल का रविवार सुबह कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। 74 वर्षीय कुणाल को कार्डियक अरेस्ट होने के तुरंत बाद पटना के महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों के प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके निधन पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, और जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

धार्मिक और प्रशासनिक क्षेत्र में योगदान

आचार्य किशोर कुणाल गुजरात कैडर के 1972 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी थे। उनका जन्म 10 अगस्त 1950 को मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में स्नातक किया। उन्होंने गुजरात में आनंद जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू की। 1983 में वे प्रोमोशन के बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बने। 1990-94 तक उन्होंने गृह मंत्रालय में विशेष अधिकारी (ओएसडी) के रूप में कार्य किया। केंद्र सरकार ने उन्हें विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किया था। उनके इस कार्य ने देश के सांप्रदायिक तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समाज सेवा और धार्मिक कार्यों में योगदान

पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद, आचार्य किशोर कुणाल ने खुद को समाज सेवा और धार्मिक कार्यों के प्रति समर्पित कर दिया। वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष बने और जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार की दिशा में कार्य किया। उन्होंने दरभंगा स्थित केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी सेवाएं दीं। 2000 से 2004 तक इस पद पर रहते हुए उन्होंने शिक्षा और शोध को बढ़ावा दिया। वे पटना के चर्चित महावीर मंदिर न्यास के सचिव के रूप में लंबे समय तक जुड़े रहे। इस न्यास के माध्यम से उन्होंने कई सामाजिक परियोजनाओं को अंजाम दिया, जिनमें स्कूल और कैंसर अस्पताल का संचालन शामिल है।

परिवार और निजी जीवन

किशोर कुणाल का परिवार भी समाज और राजनीति से जुड़ा रहा है। वे बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के समधी थे। उनके बेटे सायण कुणाल की शादी अशोक चौधरी की बेटी शांभवी से हुई है। उनके निधन पर महावीर मंदिर न्यास ने एक शोक संदेश जारी करते हुए कहा कि उनकी विद्वता और समाज सेवा के प्रति समर्पण सदैव याद रखा जाएगा। आचार्य किशोर कुणाल न केवल एक प्रशासनिक अधिकारी थे, बल्कि धार्मिक और सामाजिक सुधारों के एक अद्वितीय योद्धा भी थे। उनका योगदान बिहार और देश के धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में हमेशा याद रखा जाएगा।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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