

रांची: बीआईटी मेसरा के 70वें स्थापना दिवस में शामिल हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, संस्थान की उपलब्धियों की सराहना
रांची। बीआईटी मेसरा के 70वें स्थापना दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह संस्थान देश के बेहतरीन तकनीकी शिक्षण संस्थानों में से एक है और पिछले 70 वर्षों में देश के विकास में अहम योगदान दिया है।
झारखंड को बताया अपना घर
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, "जब भी झारखंड आती हूं, तो ऐसा लगता है जैसे अपने घर आई हूं।" उन्होंने बताया कि राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहते हुए वे संस्थान की गतिविधियों से अवगत रही हैं और इस संस्थान ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किए हैं।
छात्रों के इनोवेशन को सराहा
राष्ट्रपति निर्धारित समय पर बीआईटी मेसरा कैंपस पहुंचीं, जहां संस्थान के चेयरमैन सीके बिरला, वीसी इंद्रनील मन्ना, और झारखंड सरकार के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य सोनू ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने छात्रों द्वारा प्रस्तुत प्रदर्शनियों का अवलोकन किया और उनके प्रयासों की सराहना की।
संस्थान की 70 साल की यात्रा पर बनी शॉर्ट फिल्म प्रदर्शित
कार्यक्रम में संस्थान के 70 वर्षों की उपलब्धियों को शॉर्ट वीडियो के माध्यम से दिखाया गया। इसमें बताया गया कि 1955 में 83 छात्रों, 3 विभागों और 8 शिक्षकों के साथ शुरू हुआ यह संस्थान आज 600 से अधिक शिक्षकों, 20 से अधिक विभागों और हजारों छात्रों का एक प्रमुख शिक्षण केंद्र बन चुका है।
राजभवन पहुंचकर पुराने दिनों को किया याद
राष्ट्रपति शुक्रवार की शाम राजभवन पहुंचीं, जहां उन्होंने बतौर राज्यपाल बिताए दिनों को याद किया। उन्होंने राजभवन परिसर में स्थित उद्यान, युद्ध टैंक और चरखा को देखा तथा दरबार हॉल में कुछ चुनिंदा लोगों से मुलाकात भी की।
संस्थान को लेकर चेयरमैन और वीसी के विचार
संस्थान के चेयरमैन सीके बिरला ने बीआईटी मेसरा के 70 वर्षों की यात्रा को विस्तार से बताया, जबकि वीसी इंद्रनील मन्ना ने संस्थान की उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं को साझा किया। उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य सोनू ने भी संस्थान की राज्य और देश की तरक्की में अहम भूमिका को रेखांकित किया।
शिक्षा और नवाचार को लेकर राष्ट्रपति का संदेश
राष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा देश के विकास की रीढ़ है और बीआईटी मेसरा जैसे संस्थान इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने छात्रों से मेहनत और समर्पण के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।
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BIHAR - JHARKHAND
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