डी.ए.वी. में धूम-धाम से मना 78वां स्वतंत्रता दिवस समारोह, ट्रेनी IAS मोनिका श्रीवास्तव ने ध्वजारोहण कर छात्रों को प्रेरित किया
औरंगाबाद। औरंगाबाद स्थित डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, दयानंदविहार में 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत अनेक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने वहां उपस्थति छात्रों एवं अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्कूल के प्रांगण को तिरंगे के रंगों से सजाया गया, और हर तरफ देशभक्ति के गीत गूंज रहे थे। इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल की पूर्व छात्रा और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में 455वीं रैंक प्राप्त करने वाली मोनिका श्रीवास्तव (ट्रेनी IAS) शामिल हुईं। मोनिका की दसवीं तक की शिक्षा इसी स्कूल से हुई थी, और आज वह अपनी सफलता के साथ इस स्कूल में लौटकर गर्व महसूस कर रही थीं।
समय का सही उपयोग करें और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें : मोनिका
मोनिका ने प्राचार्य ए.के. जना के साथ मिलकर ध्वजारोहण किया, जिसके बाद पूरे परिसर में राष्ट्रगान की गूंज सुनाई दी। उन्होंने अपने संबोधन में स्कूल के दिनों की यादें साझा कीं और छात्रों को कड़ी मेहनत, अनुशासन और लगन से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। मोनिका ने कहा, यह मेरे लिए बहुत गर्व का पल है कि मैं आज उसी स्कूल में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रही हूँ, जहाँ से मैंने अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की थी। यह स्कूल मेरे व्यक्तित्व निर्माण का आधार रहा है। यहां मैंने अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण वर्ष बिताए। यहीं से मैंने अपने सपनों को आकार देना शुरू किया। मैं आज जहां हूँ, उसमें इस स्कूल और यहाँ के शिक्षकों का बड़ा योगदान है। मोनिका ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, कभी भी अपने सपनों को छोटा मत समझिए। अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति सच्चे हैं, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती। मेहनत, अनुशासन, और समर्पण ही आपकी सफलता की कुंजी हैं। जो भी आप बनना चाहते हैं, उसे पूरे दिल से हासिल करने की कोशिश कीजिए। उन्होंने अपनी कठिनाइयों और चुनौतियों का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान कई बाधाओं का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। मोनिका ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पढाई के दौरान कई चीजें आपको दिग्भ्रमित करती हैं, लेकिन याद रखें, हर कठिनाई आपको मजबूत बनाती है। मेरे लिए भी यह सफर आसान नहीं था, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी और आज मैं यहां हूँ। मोनिका ने छात्रों को यह भी सलाह दी कि वे सोशल मीडिया और अन्य व्याकुलताओं से दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि आजकल हम कई बार अपनी ऊर्जा और समय को गलत दिशा में खर्च कर देते हैं। यह जरूरी है कि आप अपने समय का सही उपयोग करें और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें।
शिक्षा आपको आत्मनिर्भर बनाती है : प्राचार्य
मोनिका की उपलब्धियों से गर्वित शिक्षकों ने उनकी प्रशंसा करते हुए बताया कि वे हमेशा से ही एक मेधावी, अनुशासित और मृदुभाषी छात्रा रही हैं। शिक्षकों ने कहा, मोनिका ने अपनी मेहनत और संकल्प से यह साबित किया है कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। वह हमारी स्कूल की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा हैं। प्राचार्य ए.के. जना ने अपने भाषण में मोनिका की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, मोनिका ने हमारे स्कूल का नाम रौशन किया है। वह न केवल अपने परिवार के लिए, बल्कि हमारे पूरे स्कूल के लिए गर्व की बात है। उनकी सफलता हमें यह सिखाती है कि सही दिशा में किया गया प्रयास हमेशा सफलता की ओर ले जाता है। उन्होंने शिक्षा की अहमियत पर जोर देते हुए कहा, शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह आपको एक अच्छा इंसान बनने में भी मदद करती है। शिक्षा आपको आत्मनिर्भर बनाती है और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति देती है। प्राचार्य ने स्वतंत्रता के महत्व पर भी चर्चा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम के वीरों की याद दिलाता है, बल्कि यह हमें इस बात की भी याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की कीमत क्या होती है। हमें इस स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, आप सभी में अपार संभावनाएँ हैं। अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें और कड़ी मेहनत से कभी पीछे न हटें। हमारी आशाएँ और सपने आपसे जुड़े हैं, और हमें विश्वास है कि आप सभी भी मोनिका की तरह अपनी मेहनत और समर्पण से उच्चतम शिखरों को छुएंगे। प्राचार्य ने मोनिका के परिवार की भी सराहना की, जिन्होंने उनके इस सफर में उनका साथ दिया। उन्होंने कहा, मोनिका के माता-पिता और उनके परिवार का योगदान भी सराहनीय है। परिवार का समर्थन और मार्गदर्शन किसी भी छात्र की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मोनिका के साथ उनके परिवार के सदस्य भी इस विशेष अवसर पर उपस्थित थे। उनके पिता, ब्रजेश श्रीवास्तव, जो कि सेवानिवृत्त इंजीनियर हैं, उनकी माँ, प्रधानाध्यापिका भारती श्रीवास्तव, और उनके भाई, श्वेताभ श्रीवास्तव, जो आईआईटीयन हैं, ने भी इस गर्व के पल को साझा किया। श्वेताभ भी इसी स्कूल के छात्र रहे हैं, और उन्होंने अपनी उपलब्धियों से परिवार और स्कूल दोनों का मान बढ़ाया है। शिक्षकों ने यह भी बताया कि मोनिका के सभी भाई-बहन इसी स्कूल के छात्र रहे हैं और वे सभी अपने-अपने क्षेत्रों में डॉक्टर, इंजीनियर और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। यह स्कूल के लिए भी गर्व की बात है कि उनके सभी छात्र-छात्राएँ उच्चतम स्तर पर सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
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