दिल्ली: सिंधु जल संधि पर भारत का बड़ा फैसला – पाकिस्तान को नहीं मिलेगा एक बूंद पानी, तीन चरणों में होगी कार्रवाई
दिल्ली। भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान को अब एक बूंद पानी भी नहीं मिलेगा। इस निर्णय को तीन चरणों में लागू किया जाएगा और इसके तहत भारत अब अपनी नदियों के जल संसाधनों का इस्तेमाल अपने हितों के अनुसार करेगा।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम के निकट बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित करने सहित पांच अहम फैसले लिए थे।
23 अप्रैल को केंद्र सरकार ने संधि को रोकने का फैसला लिया और गुरुवार देर रात पाकिस्तान को आधिकारिक सूचना दी गई। भारत की तरफ से जलशक्ति सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव मुर्तजा को पत्र भेजा जिसमें कहा गया कि यह संधि अच्छे संबंधों के आधार पर बनी थी, लेकिन अब यह प्रासंगिक नहीं रह गई है।
भारत का पत्र: 5 अहम बिंदु
भारत सरकार द्वारा भेजे गए पत्र में सिंधु जल संधि 1960 को स्थगित करने के पीछे पांच प्रमुख कारण बताए गए हैं –
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अनुच्छेद XII (3) के तहत संधि के संशोधन की मांग की गई है।
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1960 के बाद से जनसंख्या में व्यापक बदलाव आया है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देने के लिए समझौते में बदलाव जरूरी हो गया है।
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पाकिस्तान द्वारा बार-बार सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया गया, जिससे संधि के मूल उद्देश्य को ठेस पहुंची।
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भारत के जल अधिकारों पर सुरक्षा संबंधी अनिश्चितताओं के कारण असर पड़ा है। पाकिस्तान ने भारत के आग्रह पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी।
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संधि का लगातार उल्लंघन करते रहने के कारण भारत सरकार ने इसे तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया
अब भारत इस समझौते को रद्द कर अपने जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग करेगा और पाकिस्तान को मिलने वाला पानी पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।
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