

दिल्ली: RBI ने घटाई रेपो रेट, सस्ते होंगे लोन, घटेगी EMI
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की मौद्रिक नीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया है। इससे होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य कर्जों पर ब्याज दरों में कटौती होने की संभावना है, जिससे लोगों की EMI भी कम हो सकती है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी।
5 साल बाद घटा रेपो रेट
RBI ने आखिरी बार मई 2020 में रेपो रेट में 0.40% की कटौती की थी, जिससे यह 4% पर आ गया था। मई 2022 से महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी की और मई 2023 तक इसे 6.5% तक ले आया। अब लगभग 5 साल बाद इसमें कटौती की गई है, जिससे कर्जदारों को राहत मिलने की उम्मीद है।
GDP ग्रोथ का अनुमान
RBI ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भारत की GDP ग्रोथ 6.4% रहने का अनुमान लगाया है। विभिन्न तिमाहियों में GDP ग्रोथ इस प्रकार रहेगी
- Q1 (अप्रैल-जून): 6.7%
- Q2 (जुलाई-सितंबर): 7%
- Q3 (अक्टूबर-दिसंबर): 6.5%
- Q4 (जनवरी-मार्च): 6.5%
- FY26 में GDP ग्रोथ: 6.7%
महंगाई से निपटने का RBI का कदम
RBI महंगाई पर नियंत्रण के लिए पॉलिसी रेट का इस्तेमाल करता है। जब महंगाई ज्यादा होती है, तो ब्याज दरें बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम किया जाता है, जिससे मांग घटती है और महंगाई पर लगाम लगती है। अब, जब अर्थव्यवस्था को ग्रोथ की जरूरत है, तो RBI ने ब्याज दरें घटाकर मनी फ्लो बढ़ाने की कोशिश की है।
महंगाई के मौजूदा आंकड़े
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रिटेल महंगाई (CPI):
- दिसंबर 2023 में रिटेल महंगाई दर 5.22% रही।
- नवंबर में यह 5.48% थी।
- अगस्त में यह 3.65% थी।
- RBI की महंगाई सहनशीलता सीमा 2% से 6% के बीच है।
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थोक महंगाई (WPI):
- दिसंबर में थोक महंगाई 3.36% रही, जो नवंबर में 1.89% थी।
- आलू, प्याज, अंडे, मांस-मछली और फलों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई।
महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
महंगाई पर्चेजिंग पावर (खरीदने की क्षमता) को सीधे प्रभावित करती है। यदि महंगाई दर 7% है, तो 100 रुपए की कीमत एक साल बाद केवल 93 रुपए होगी। इसी कारण निवेश के फैसले लेते समय महंगाई को ध्यान में रखना जरूरी होता है, ताकि पैसों की वैल्यू बनी रहे।
क्या होगा आम लोगों पर असर?
- EMI घटने की संभावना: जिन लोगों ने होम लोन, पर्सनल लोन या अन्य कर्ज ले रखा है, उनकी मासिक किश्तें कम हो सकती हैं।
- नए लोन होंगे सस्ते: रेपो रेट घटने से बैंकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलेगा, जिससे वे भी ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन दे सकते हैं।
- बचत योजनाओं पर असर: फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और अन्य बचत योजनाओं की ब्याज दरें भी घट सकती हैं।
RBI के इस फैसले से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है, जबकि कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।
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BIHAR - JHARKHAND
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