पटना : बिहार के सभी जिलों में नए प्रभारी मंत्री बनाए गए, चुनाव से पहले सरकार ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
पटना। बिहार सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए सभी जिलों में नए प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति कर दी है। आज मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा अधिसूचना जारी कर एनडीए सरकार के सभी मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभार सौंपा गया। इससे पहले जारी प्रभारी मंत्रियों की सूची को रद्द कर दिया गया है और पूरी तरह से नई सूची जारी की गई है।
इस नई व्यवस्था के तहत, हर जिले में अब एक अलग प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया है जो न केवल जिले में विकास कार्यों की निगरानी करेंगे, बल्कि आगामी चुनाव की तैयारियों को भी मजबूत करेंगे। खास बात यह है कि जिन मंत्रियों को जिन जिलों की जिम्मेदारी दी गई है, वे आमतौर पर उस जिले से बाहर के हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी तरह के राजनीतिक प्रभाव से बचा जा सके।
कौन मंत्री किस जिले के प्रभारी बनाए गए — पूरी सूची इस प्रकार है :
सम्राट चौधरी (उपमुख्यमंत्री) – पटना, विजय कुमार सिन्हा (उपमुख्यमंत्री) – मुजफ्फरपुर, विजय चौधरी – पूर्णिया और नालंदा, बृजेंद्र प्रसाद यादव – वैशाली, डॉ. प्रेम कुमार – कैमूर, श्रवण कुमार – समस्तीपुर और मधेपुरा, संतोष सुमन – औरंगाबाद, सुमित सिंह – सारण, रेणु देवी – सिवान, मंगल पांडे – दरभंगा, नीरज कुमार सिंह – कटिहार, अशोक चौधरी – सीतामढ़ी और जहानाबाद, लेसी सिंह – मधुबनी, मदन सहनी – सुपौल, नीतीश मिश्रा – अररिया, नितिन नवीन – बक्सर, महेश्वर हजारी – खगड़िया, शीला कुमारी – लखीसराय, सुनील कुमार – पूर्वी चंपारण, जनक राम – पश्चिमी चंपारण, हरि सहनी – अरवल, कृष्ण नंदन पासवान – गोपालगंज, जयंत राज – रोहतास, जमा खान – किशनगंज, रत्नेश सदा – जमुई, केदार गुप्ता – भोजपुर, सुरेंद्र मेहता – बांका, संतोष सिंह – भागलपुर, संजय सरावगी – बेगूसराय, डॉ. सुनील कुमार – गया, जीवेश कुमार – नवादा, राजू सिंह – शेखपुरा, मोतीलाल प्रसाद – शिवहर, विजय कुमार मंडल – सहरसा, कृष्ण कुमार पिंटू – मुंगेर जिलों के प्रभारी मंत्रियों की सूची जारी कर दी गई है।
इस नई अधिसूचना के जरिए बिहार सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विधानसभा चुनाव की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। सभी मंत्रियों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित जिलों में जाकर कैंप करें, जनता से जुड़ें और प्रशासनिक व्यवस्था की निगरानी करें। इसके साथ ही सरकार ने यह संदेश भी देने की कोशिश की है कि पारदर्शिता के साथ चुनाव की तैयारी होगी। प्रभारी मंत्रियों को उनके अपने गृह जिले से हटाकर अन्य जिलों की जिम्मेदारी दी गई है
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