औरंगाबाद : 27 साल से फरार हार्डकोर नक्सली सुरेंद्र रविदास गिरफ्तार
औरंगाबाद। गोह प्रखंड अंतर्गत बंदेया थाना क्षेत्र के गंगटी गांव निवासी कुख्यात हार्डकोर नक्सली सुरेंद्र रविदास उर्फ ब्रजेश को गया जिले के जंगलडीहा गांव के पास से गिरफ्तार किया गया है। यह नक्सली वर्ष 1998 से फरार चल रहा था और पुलिस उसकी 27 वर्षों से सरगर्मी से तलाश कर रही थी। बंदेया थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि सुरेंद्र रविदास को गया जिले के गुरारू थाना क्षेत्र के जंगलडीहा गांव के पास स्थित एफसीआई गोदाम के पास देखा गया है। इस पर दाउदनगर एसडीपीओ कुमार ऋषिराज के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन कर गया भेजा गया। टीम ने इलाके में जाल बिछाकर छापेमारी की और आखिरकार कुख्यात नक्सली को दबोच लिया।
पुलिस के सामने चौंकाने वाले खुलासे:
गिरफ्तारी के बाद सुरेंद्र रविदास ने पुलिस के समक्ष कई बड़े खुलासे किए। उसने बताया कि नक्सलियों की ट्रेनिंग के लिए ‘गोपनीय पाठशालाएं’ चलाई जाती हैं, जहां हथियार चलाना, माओवादी विचारधारा का प्रचार, और अन्य रणनीतिक ट्रेनिंग दी जाती है। उसने बताया कि उसने खुद साल 2003 में गया जिले के गुरपा क्षेत्र में एक साल की माओवादी ट्रेनिंग ली थी। इस प्रशिक्षण के बाद वह कई नक्सली घटनाओं को अंजाम देने में सफल हुआ और संगठन में उसकी अहमियत बढ़ी। पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल ने जानकारी देते हुए बताया कि सुरेंद्र रविदास के खिलाफ गया जिले के कई थानों में गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें शामिल हैं: परैया थाना – कांड संख्या 40/2003, गुरारू थाना – कांड संख्या 23/2009, कोंच थाना – कांड संख्या 46/2010, आमस थाना – कांड संख्या 88/2011 इन सभी मामलों में वह मोस्ट वांटेड घोषित था और पुलिस लगातार उसे पकड़ने के लिए प्रयासरत थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि औरंगाबाद जिले में नक्सल विरोधी सर्च ऑपरेशन लगातार चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में यह बड़ी सफलता हाथ लगी है।
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